आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत, मिली छह माह की जमानत
सुप्रीम कोर्ट की शर्तें यथावत
यौन उत्पीड़न के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कथावाचक आसाराम को बड़ी राहत मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट के बाद अब उन्हीं शर्तों पर गुरुवार को गुजरात हाईकोर्ट ने भी बड़ी राहत देते हुए छह माह की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है। गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर छह माह की अंतरिम जमानत दी है। यह राहत उसे वर्ष 2013 के दुष्कर्म मामले में मिली है। जस्टिस इलेश जे वोरा और जस्टिस आरटी वच्छानी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद राहत दी।
जोधपुर। यौन उत्पीड़न के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कथावाचक आसाराम को बड़ी राहत मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट के बाद अब उन्हीं शर्तों पर गुरुवार को गुजरात हाईकोर्ट ने भी बड़ी राहत देते हुए छह माह की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है। गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर छह माह की अंतरिम जमानत दी है। यह राहत उसे वर्ष 2013 के दुष्कर्म मामले में मिली है। जस्टिस इलेश जे वोरा और जस्टिस आरटी वच्छानी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद राहत दी। गुजरात हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट एवं राजस्थान हाईकोर्ट की शर्तो पर ही अंतरिम जमानत मंजूर की है। राजस्थान एवं गुजरात हाईकोर्ट से राहत के बाद अब छह माह के लिए आसाराम बिना पुलिस कस्टडी के जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर आएगा और अपना उपचार करवा सकेगा।
6 महीने पूरे होने पर जेल में सरेंडर करना होगा। अनुयायियों से नहीं मिलने की शर्त हटा दी गई। 3 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था समाप्त की गई। हालांकि, प्रवचन या धार्मिक सभा नहीं करने की शर्त पर फिलहाल आसाराम को कोई राहत नहीं दी गई है। यानी वह अपने साधकों से मिल तो सकेगा लेकिन समूह में मिलने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट की शर्त का उल्लंघन माना जाएगा। आसाराम ने एक बार फिर से आरोग्य अस्पताल में उपचार करवाना शुरू करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट एवं गुजरात हाईकोर्ट में उपचार के लिए याचिका पेश कर दी। राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को छह माह की अंतरिम जमानत को मंजूर कर लिया लेकिन गुजरात हाईकोर्ट से राहत बाकी थी। ऐसे में आज गुजरात हाईकोर्ट ने भी आसाराम को सुप्रीम कोर्ट एवं राजस्थान हाईकोर्ट की शर्तो पर छह माह की अंतरिम जमानत को मंजूर कर लिया है।

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