कोटा उत्तर वार्ड 44 - टूटी सड़कें, जर्जर नहर से परेशान रहवासी, नहर में मगरमच्छ का खतरा

रेलवे क्षेत्र में नहीं हो पा रहे विकास कार्य

कोटा उत्तर वार्ड 44 - टूटी सड़कें, जर्जर नहर से परेशान रहवासी, नहर में मगरमच्छ का खतरा

बरसात में पानी का स्तर ऊपर आने से मगरमच्छ गलियों तक पहुंच सकते हैं।

कोटा। शहर के नगर निगम कोटा उत्तर क्षेत्र के वार्ड 44 की स्थिति इन दिनों चिंताजनक बनी हुई है। वार्ड के निवासियों का कहना है कि तुल्लापुरा कॉलोनी से गुजरने वाली नहर पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। नहर की दीवारें काफी नीची हैं, जिससे आसपास रहने वाले लोगों के लिए हरदम खतरा बना रहता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि नहर में मगरमच्छ होने की भी पुष्टि हुई है, जिसके कारण बच्चे और बुजुर्ग नहर के किनारे जाने से डरते हैं। बरसात के मौसम में यह खतरा और भी बढ़ जाता है, क्योंकि पानी का स्तर ऊपर आने से मगरमच्छ गलियों तक पहुंच सकते हैं।

स्थानीय निवासी की मांग
तुलापुर कॉलोनी की नहर की दीवारों को ऊंचा किया जाए, उसकी नियमित सफाई करवाई जाए, और मगरमच्छ जैसे खतरनाक जीवों को सुरक्षित रूप से पकड़ा जाए। साथ ही रेलवे क्षेत्र में आने वाले इलाकों के विकास के लिए रेलवे विभाग और नगर निगम के बीच समन्वय स्थापित कर ठोस समाधान निकाला जाए। आशा करते हैं कि आने वाले दिनों में निगम प्रशासन वार्ड 44 की इन गंभीर समस्याओं की ओर ध्यान देगा, ताकि लोग सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में रह सकें।

वार्ड का एरिया
न्यू रेल्वे कॉलोनी सरस्वती स्कूल टी.ए.कैम्प, रेल्वे अस्पताल, रेल्वे वर्कशॉप ग्राउण्ड, तुलापुरा का क्षेत्र शामिल है।

इस नहर की मरम्मत की मांग कई बार की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जर्जर दीवारें किसी भी समय हादसे को जन्म दे सकती हैं। नहर के किनारे सुरक्षा रेलिंग भी नहीं हैं और जगह-जगह कचरा जमा है, जिससे दुर्गंध फैल रही है। इसी के साथ वार्ड में आवारा कुत्तों का आतंक भी लोगों की नींद उड़ा रहा है। आए दिन बच्चों और बुजुर्गों पर कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई बार निगम प्रशासन को शिकायतें दी गईं, लेकिन कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई सिर्फ नाममात्र की होती है।
- सागर राजावत, वार्डवासी

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दूसरी बड़ी समस्या वार्ड में रेलवे क्षेत्र से जुड़ी है। वार्ड का एक बड़ा हिस्सा रेलवे के अधीन आने के कारण यहां पर नगर निगम द्वारा कई विकास कार्य नहीं हो पाते। बुनियादी सुविधाओं की कमी वार्डवासियों को लगातार परेशान कर रही है। पार्षद के अनुसार, रेलवे की जमीन पर किसी भी प्रकार का स्थायी कार्य करने की अनुमति नहीं मिलती, जिसके चलते नागरिकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा।
- अब्दुल अजीज, वार्डवासी

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जब नवज्योति टीम ने वार्ड की समस्याओं के संदर्भ में वार्ड पार्षद नीरज कुमार मीणा से संपर्क करने का प्रयास किया, तो कई बार फोन करने के बावजूद उनका कोई जवाब नहीं आया। 

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