घायल लेपर्ड शावक है खतरे से बाहर
टीम ने उसका इलाज शुरू कर दिया है
सरिस्का के टहला रेंज को डेढ़ साल की घायल लेपर्ड शावक को इलाज के लिए नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाए थे। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. अशोक तंवर, डॉ. नीरज शुक्ला और डॉ. मोहसिन खान की टीम ने उसका इलाज शुरू कर दिया है।
जयपुर। सरिस्का के टहला रेंज को डेढ़ साल की घायल लेपर्ड शावक को इलाज के लिए नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाए थे। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. अशोक तंवर, डॉ. नीरज शुक्ला और डॉ. मोहसिन खान की टीम ने उसका इलाज शुरू कर दिया है। उसकी डाइट में मीट सूप दिया जा रहा है। अब उसे खतरे से बाहर बताया जा रहा है। डॉ. तंवर ने बताया कि सरिस्का से घायल मादा शावक लाए थे। इनसे पिछले 5 दिन से कुछ नहीं खाया। जंगल में किसी अन्य लेपर्ड से झड़प का अंदेशा है। क्योंकि इसके सिर पर चोट के गंभीर निशान हैं। अब वह स्वस्थ है और डाइट ले रही है। रेस्क्यू टीम के सहायक वनपाल सुरेश चौधरी का भी इलाज के दौरान सहयोग रहा।
बिना मां के बजरंगी
दूसरी ओर जंतर-मंतर स्मारक में बिना मां के बंदर का बच्चा करीबन 12 दिन का हो गया है। यहां उसे समय पर दूध और फल दिए जा रहे हैं। एक तरह से वह स्टाफ के लोगों को पहचानने लग गया है। स्टाफ इसे ‘बजरंगी’ नाम से बुलाता है। गौरतलब है कि गत 6 मई को स्मारक में मादा बंदर बच्चे को जन्म देने के बाद छोड़कर चली गई थी। इसके बाद वह बच्चे को लेने वापस नहीं आई। स्मारक स्टाफ उसकी देखरेख कर रहा है।
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