खतरनाक लत: पबजी गेम से बच्चों पर पड़ रहा है बुरा असर
मां के बच्चे को गेम खेलने से रोके जाने पर उसने अपनी मां को मार दिया।
अभिभावकों की अनदेखी और बच्चों के हिंसक होने के कारण ऐसे केस देखने को मिलते हैं। इस केस ने हमें ये सोचने पर मजबूर किया है कि क्या वाकई बच्चों की गलती है या पेरेटिंग में ही कुछ कमी है। बच्चों के साथ आपको कुछ बातों को अवॉइड करना चाहिए।
आज के समय में बच्चों में फोन और गेम की लत बढ़ती जा रही है इसका खामियाजा हमें समय-समय पर देखने को मिलता है और ऐसा ही एक केस लखनऊ में सामने आया जिसमें मां के बच्चे को गेम खेलने से रोके जाने पर उसने अपनी मां को मार दिया।
एक्सपर्ट का मानना है
अभिभावकों की अनदेखी और बच्चों के हिंसक होने के कारण ऐसे केस देखने को मिलते हैं। इस केस ने हमें ये सोचने पर मजबूर किया है कि क्या वाकई बच्चों की गलती है या पेरेटिंग में ही कुछ कमी है। बच्चों के साथ आपको कुछ बातों को अवॉइड करना चाहिए।
लखनऊ में हाल ही में एक केस सामने आया है जिसमें एक 16 साल के नाबालिग ने अपनी मां को इसलिए मार डाला क्योंकि उसकी मां ने पबजी गेम खेलने से मना किया था। बच्चे ने इस बात का बदला लेने के लिए मां को गोली मारकर हत्या कर दी। यही नहीं,इससे पहले भी मां और बेटे के बीच गेम की लत को लेकर बहस हो चुकी थी ,और मां ने बच्चे पर हाथ भी उठाया था और बच्चा लंबे अरसे से मां के हिंसक व्यवहार से परेशान था। इस केस के बाद मोबाइल खेलने की खतरनाक लत और पेरेंंटग पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
अगर बच्चे को हिंसक होने से रोकना है तो आपको इन आदतों को अवॉइड करना चाहिए।
आप बच्चों के सामने या उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग न करें, इससे बच्चों के मन पर बुरा असर पड़ता है।
आप बच्चे को प्यार से समझाएं और दोबारा वही काम करने पर आप उसे बार-बार टोकने से बचें, इससे वह जिद्दी बन जाते हैं।
आपको हर हाल में अपने बच्चे को मारने से या तेज चिल्लाने से बचना है, बच्चे अपना अपमान नहींं पाते।
बच्चों को समय दें, इतने व्यस्त न हों कि बच्चे अकेला महसूस करें।
आप बच्चे को अन्य बच्चों से कंपेयर न करें, बच्चों की तुलना करने पर उनमें ईर्ष्या के भाव आ जाते हैं।
लक्षणों को नोटिस करें
आपके बच्चे में कुछ अलग लक्षण नजर आएं तो उस पार गौर करें।
बच्चा पहले से ज्यादा जिद्दी हो जाए।
बच्चा बात करना कम कर दें।
-बात-बात पर बच्चे का रोना।
यादा खाने या सेवन या खाना कम लेना।
मिलना-जुलना बंद कर देना।
बात-बात पर मरने-मारने की बात करना।
आज की भागती लाइफ का असर बच्चों पर पड़ रहा है। माता-पिता बच्चों को समय नहीं दे पाते जिसके कारण वो अकेला महसूस करते हैं और अपना एंटरटेंमेंट खोजने के लिए गेम की लत का शिकार हो जाते हैं ।
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