पूनिया के प्रदेशाध्यक्ष पद पर 3 साल पूरे, सोशल मीडिया पर लिखा खुला पत्र

उपचुनाव हार में कमजोर रणनीति को स्वीकारा

पूनिया के प्रदेशाध्यक्ष पद पर 3 साल पूरे, सोशल मीडिया पर लिखा खुला पत्र

पत्र में तीन साल के कार्यकाल में उपचुनावों में भाजपा की हार को अपनी रणनीतिक कमजोरी होने की बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि सफलता-विफलता जीवन व जगत का सत्य है।

जयपुर। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर सतीश पूनिया के 3 साल पूरे हो गए। उन्होंने देर रात ही भाजपाइयों के नाम एक खुला पत्र सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जिसमें उन्होंने पार्टी-संगठन के लिए किए कामों पर अपनी बात रखी। अप्रत्यक्षत: यह मलाल भी जाहिर किया कि दो साल कोरोना से लड़ने में ही बीत गए। हालांकि इस दौरान अपने जन सरोकारों के कामों पर पीएम नरेन्द्र मोदी की सराहना को अपने लिए संतोषप्रद बताया।  उन्होंने पत्र में तीन साल के कार्यकाल में उपचुनावों में भाजपा की हार को अपनी रणनीतिक कमजोरी होने की बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि सफलता-विफलता जीवन व जगत का सत्य है। हार के कारण कांग्रेस को बोलने का मौका मिला। लेकिन हमने उसकी भरपाई पंचायतीराज चुनाव विशेषकर जिला परिषद में बहुमत हासिल करके पूरी कर ली और पहली बार किसी विपक्षी दल को इन चुनावों में ऐतिहासिक बढ़त मिली।

कोरोना में जनता के लिए निष्ठापूर्वक किया काम
पूनिया ने कहा कि पीछे देखता हूं कि दो साल तो कोरोना से लड़ने की चुनौतियों में ही बीत गए। लेकिन जनता तक भोजन, राशन, उपचार की सहायता के लिए निष्ठापूर्वक काम किया। भाजपा के सीएम चेहरों की रेस पर कहा कि उनकी अपनी कोई महत्वकांक्षा नहीं है। अध्यक्ष पद पर रहते हुए मेहनत करता रहूंगा ताकि आगामी चुनावों में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत का आंकड़ा हासिल हो। 

मैंने कई बार आलोचनाओं से भी सीखा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने अपने विरोधियों और विपक्षीयों के लिए लिखा कि राजनीति में विरोध, मतभेद, आलोचना और समालोचना का भी एक स्थान है, उसे अन्यथा नहीं लिया। मैंने कई बार आलोचनाओं से भी सीखा है और मैं आगे बढ़ा हूं। मैं 35 वर्षों से संगठन का काम निरंतरता से करता रहा हूं। कभी किसी पोर्टफोलियो पर नहीं रहा। इसलिए हो सकता है लोगों के प्रति अपेक्षित कुछ दायित्व पूर्ण नहीं कर पाया हूं। परंतु सद्भावना सदा वही थी, समर्पण सदा वही था। यूं तो राजनीति की विराट यात्रा में लक्ष्य भी अनन्त है, लेकिन मैं इस तीन वर्ष के सोपान पर कह सकता हूंकि जो अपेक्षा संगठन ने मुझसे की है, हमने अपनी टीम के साथ मन, वचन, कर्म से उसे पूरी करने की कोशिश की है। यह मिशन 2023-2024 और आगे भी केन्द्रीय संगठन के नीति और निर्देश के अनुरूप करते रहेंगे। 

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