असर खबर का - वन्यजीव विभाग ने 1.40 लाख से बनाई सुरक्षा दीवार
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में गत वर्ष टूट गई थी दीवार
ऐसे में सुरक्षा दीवार टूटने से इनके पार्क में घुस आने व शाकाहारी वन्यजीवों पर हमले की आशंका बनी रहती है। ऐसे में नवज्योति ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटा। अभेड़ा बायोलॉजिकल में ब्लैक बक के एनक्लोजर के नजदीक टूटी सुरक्षा दीवार आखिरकार वन्यजीव विभाग ने बनवा दी। यह करीब 8 फीट ऊंची दीवार पिछले 8 माह से टूटी हुई थी। ऐसे में पैंथर के हिरण के एनक्लोजर में घुसकर हमले की आशंका बनी रहती थी। दैनिक नवज्योति ने गत 25 जनवरी के अंक में खबर प्रकाशित कर वन्यजीव विभाग को पैंथर के हमले से आगाह किया था। जबकि, पूर्व में पैंथर द्वारा बायोलॉजिकल पार्क में घुसकर ब्लैक बक के बच्चे का शिकार कर चुका है। खबर प्रकाशित होने के बाद वन्यजीव अधिकारी हरकत में आए और 31 मार्च को 1 लाख 40 हजार की लागत से 24 मीटर सुरक्षा दीवार का निर्माण करवाया। नवज्योति के प्रयासों से शाकाहारी वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए दीवार बन सकी। दरअसल, अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के पीछे थर्मल परिसर व वन मंडल का घना जंगल है। जहां पैंथर, भालू, जरख, सियार का मूवमेंट रहता है। ऐसे में सुरक्षा दीवार टूटने से इनके पार्क में घुस आने व शाकाहारी वन्यजीवों पर हमले की आशंका बनी रहती है। ऐसे में नवज्योति ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। इधर, नाम न छापने की शर्त पर वन कर्मचारी ने बताया कि विभाग ने मार्च क्लोजिंग से पहले 1 लाख 40 हजार की लागत से टूटी सुरक्षा दीवार का निर्माण करवाया। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने जताई थी आपत्ति: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने पूर्व में अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क की सुरक्षा दीवार पर लगी लोहे की एंगलों पर आपत्ति जताई थी। प्राधिकरण का कहना था कि लोहे की एंगल की जगह सौलर वाली पैंथर प्रूफ फैंसिंग लगवाई जाए। इस फैंसिंग से वन्यजीवों को हल्का करंट का झटका लगता है। जिससे पैंथर अंदर नहीं आ सके। लेकिन, वन्यजीव अधिकारियों ने प्राधिकरण की आपत्ति को अनदेखा कर दिया। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही पैंथर बायोलोजिकल पार्क की दीवार फांद ब्लैक बक के एनक्लोजर में घुस गया और शावक को मौत के घाट उतार दिया।
गत वर्ष टूटी थी सुरक्षा दीवार
बायोलॉजिकल पार्क में गत वर्ष जुलाई माह में बारिश के दौरान पानी का बहाव अधिक होने से 24 मीटर सुरक्षा दीवार ढह गई थी और चीतल के एनक्लोजर में पानी भर गया था। जिससे वन्यजीवों में अफरा तफरी मच गई थी। हालांकि एक माह बाद अगस्त में 4 फीट ऊंची कच्ची दीवार बनाकर औपचारिकता पूरी कर दी। जबकि, सुरक्षा की दृष्टि से 8 फीट ऊंची पक्की दीवार का निर्माण करवाया जाना जरूरी था।
पैंथर कर चुका हिरण के बच्चे का शिकार
बायोलॉजिकल पार्क में गत वर्ष 28 अप्रेल की रात को पैंथर ने बायोलॉजिकल पार्क की 8 फीट ऊंची दीवार फांद परिसर में प्रवेश किया फिर ब्लैक बक के एनक्लोजर में छलांग लगा नाइट शेल्टर तक पहुंच गया। पैंथर को सामने देख ब्लैक बक में भगदड़ मच गई। इस दौरान शेल्टर के गेट से 6 दिन का शावक बाहर निकल गया। जिस पर पैंथर ने हमला कर शिकार कर लिया। विभाग को घटना का पता अगले दिन लगा था।
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