जल्द दिखेगा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पक्षी

अगले हफ्ते बायोलॉजिकल पार्क में आएंगे 4 ऐमू व 5 चिंकारा

जल्द दिखेगा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पक्षी

ऐमू को फॉक्स के एनक्लोजर में रखा जाएगा।

कोटा। कोटावासियों को जल्द ही दुनिया के दूसरे सबसे बड़े नॉन फ्लाई बर्ड यानी(उड़ने में अक्षम) पक्षी एमू की झलक देखने को मिल सकेगी। वन्यजीव विभाग को जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से 4 ऐमू पक्षी लाने की परमिशन मिल चुकी है। ऐसे में अगले हफ्ते तक ऐमु को कोटा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर से 5 चिंकारा लाने की भी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। ऐसे में विशालकाय पक्षी के आने से पर्यटयन का थमा दौर फिर से पटरी पर आ सकेगा। दरअसल, नर टाइगर व लॉयन सहित बड़े एनीमल्स नहीं होने से पर्यटकों का अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के प्रति रुझान घटा है। ऐसे में ऐमु के आने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी। 

फॉक्स के एनक्लोजर में रहेंगे ऐमू
वन्यजीव विभाग कोटा के उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि अभेड़ा बायलॉजिकल पार्क में जयपुर के नाहरगढ़ से 4 एमू पक्षी व जोधपुर के माछिया से 5 चिंकारा लाए जाएंगे। ऐमू को फॉक्स के एनक्लोजर में रखा जाएगा। जिसकी तैयारियां भी कर ली गई है। अब सीजेडए से शिफ्टिंग की परमिशन लेनी है, जो आसानी से मिल जाएगी। शिफ्टिंग में सबसे बड़ी रुकावट एनीमल देने वाले नाहरगढ़ व माछिया बायोलॉजिकल से स्वीकृति मिलने की थी, जो दूर हो चुकी है। ऐसे में अब शिफ्टिंग का रास्ता साफ हो चुका है। अगले सप्ताह तक ऐमू व चिंकारा अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में ले आएंगे। 

गत वर्ष हो गई थी 4 एमू की मृत्यु
अगस्त 2019 में चार एमू जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से कोटा चिड़िया घर में लाए गए थे, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। जिन्हें गत वर्ष 6 जून 2022 को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। लेकिन, कुछ समय बाद एक-एक कर चारों पक्षियों की मौत हो गई थी। इसके बाद से कोटावासियों को एमू देखने को नहीं मिले।

4 से 5 फीट ऊंचा होता है ऐमू
वन्यजीव विशेषज्ञ एएच जैदी बताते हैं, एमू मूल रूप से आॅस्ट्रेलिया का पक्षी है। यह करीब चार से पांच फीट ऊंचा होता है। यह विश्व के नहीं उड़ने वाले पक्षियों में दूसरा सबसे बड़ा पक्षी है। यह शाकाहारी व कीटाहारी पक्षी है। इसे दाल, दलिया, बाजरा, चना चूरी, चावल व हरी सब्जी खासी पसंद है।  ऊंचाई में नर की अपेक्षा मादा बड़ी होती है। मादा को दोस्त बनाने के लिए इन्हें प्रतिद्वंद्वी नर से झगड़ा करना होता है। अपने मजबूत पैरों से गड्ढ़ा खोदकर आशियाना बनाता है। नर एमू भूरा तो मादा मटमैली होती है। इनकी चोंच मजबूत व लंबी होती है।

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नर एमू करता है बच्चे का पालन-पोषण  
उन्होंने बताया कि नर ऐमू की सबसे बड़ी खासियत बच्चे के प्रति पिता की तरह जिम्मेदारी निभाना है। मादा पक्षी के एक बार अंडे देने के बाद अंडे को सहेजना से लेकर बच्चे निकलने तक देखभाल करने की सारी जिम्मेदारी नर एमू ही निभाता है। इसके अलावा बच्चों का पालन-पोषण भी पिता की तरह यही करता है।  

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जयपुर के नाहरगढ़ व जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से 4 ऐमू व 5 चिंकारा लाने की परमिशन मिल चुकी है। ऐसे में अगले सप्ताह तक दोनों एनिमल्स व बर्ड्स कोटा ले आएंगे। इसके अलावा अन्य बड़े एनिमल्स भी लाने की कोशिश लगातार जारी है।
- अनुराग भटनागर, डीएफओ वन्यजीव विभाग 

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