फर्जी डिग्री व अंकतालिकाओं के सरगना की गिरफ्तारी

यह काम विशेषकर बी.एड. और डी.पी.एड. जैसी परीक्षाओं के लिए किया गया

फर्जी डिग्री व अंकतालिकाओं के सरगना की गिरफ्तारी

पुलिस की इस कार्रवाई ने फर्जी डिग्री रैकेट के एक बड़े नेटवर्क को उजागर किया है, जिससे भविष्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।

जयपुर। एटीएस और एसओजी की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए फर्जी तरीके से बैक डेट में डिग्रियां और अंकतालिकाएं उपलब्ध कराने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान गंगासिंह ईनाणियां के रूप में हुई है, जो 39 वर्षीय सरकारी शिक्षक है और जिला नागौर का निवासी है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस एवं एसओजी वीके सिंह ने जानकारी दी कि आरोपी गंगासिंह ने दलाल सुभाष पूनिया के साथ मिलकर विभिन्न छात्रों को फर्जी डिग्रियां और अंकतालिकाएं उपलब्ध कराई थीं। यह काम विशेषकर बी.एड. और डी.पी.एड. जैसी परीक्षाओं के लिए किया गया। आरोपी छात्रों की फर्जी डिग्रियां बैक डेट में तैयार कराता था और उन्हें वैध दस्तावेज की तरह पेश करवाता था।

पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया कि गंगासिंह इस अवैध गतिविधि में लंबे समय से संलिप्त था। उसने कई छात्रों को परीक्षा पास कराए बिना फर्जी दस्तावेज देकर लाभ पहुंचाया। आरोपी वर्तमान में नागौर जिले के राजकीय विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत था।
फर्जी डिग्री गिरोह के इस सरगना की गिरफ्तारी से शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही अन्य आरोपियों और दलालों की तलाश जारी है। इस मामले में शामिल अन्य संस्थानों और छात्रों की भी जांच की जा रही है।पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आरोपी गंगासिंह से पूछताछ के बाद और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आने की उम्मीद है।

निष्कर्ष: पुलिस की इस कार्रवाई ने फर्जी डिग्री रैकेट के एक बड़े नेटवर्क को उजागर किया है, जिससे भविष्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।

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