प्राचीन सिक्कों का हुआ निरीक्षण, दोनों ओर हैं अरबी भाषा के आलेख
कुल 51 ताम्बे के सिक्कों का निरीक्षण एवं फोटोग्राफ़ी हुई
ये सिक्के तब जारी किए गए थे, जब बाज़ार में सोने और चांदी की अत्यधिक कमी हो गई थी।
जयपुर। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने जमवारामगढ़ में मिले प्राचीन सिक्कों का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के मुद्रा विशेषज्ञ प्रिंस कुमार उप्पल एवं उनकी टीम ने कार्यालय तहसीलदार, जमवारामगढ़ में भारतीय निखात निधि अधिनियम 1878 तथा राजस्थान निखात निधि नियम 1961 के तहत कुल 51 ताम्बे के सिक्कों का निरीक्षण एवं फोटोग्राफ़ी की। इस दौरान पाया कि सभी सिक्के मध्यक़ालीन सल्तनत काल के शासक मोहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-1351) के हैं। इस सिक्कों का वजन 5-9ग्राम है। इन सिक्कों पर दोनो ओर अरबी भाषा के आलेख हैं।
सिक्कों को टका कहा जाता था। प्रिंस कुमार उप्पल ने बताया कि ये सिक्के तब जारी किए गए थे, जब बाज़ार में सोने और चांदी की अत्यधिक कमी हो गई थी। वास्तव में मो. बिन तुग़लक़ ने चीन की सांकेतिक मुद्रा को आधार बनाकर सोने और चांदी के सिक्कों के स्थान पर ताम्बे का टका चलाया था , लेकिन उसकी यह योजना विफल हो गई, क्योंकि शासक द्वारा टकसाल पर पर्याप्त नियंत्रण नहीं रखा जा सका। उप्पल ने बताया कि ये सभी सिक्के 14वीं शताब्दी के है और मो. बिन तुग़लक़ की जानकारी का स्त्रोत है। इसलिए इनका मुद्रा शास्त्र की दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। ऐसे में इन सिक्कों को विभाग द्वारा नियमानुसार अवाप्त किया जाएगा।
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