फिर आतंकी हमले

फिर आतंकी हमले

कश्मीर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए अज्ञात आतंकवादियों ने 13 दिसंबर की शाम को श्रीनगर में जेवन के पंथाचौक से गुजर रही सशस्त्र पुलिस बल की बस पर अंधाधुंध गोलीबारी की।

कश्मीर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए अज्ञात आतंकवादियों ने 13 दिसंबर की शाम को श्रीनगर में जेवन के पंथाचौक से गुजर रही सशस्त्र पुलिस बल की बस पर अंधाधुंध गोलीबारी की। बस में 15 जवान सफर कर रहे थे और बस पुलिस लाइन जा रही थी। इस हमले में दो जवान घटनास्थल पर ही शहीद हो गए और 12 घायल हुए जवानों में से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रारंभिक खबरों में इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर ने ली है, लेकिन हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। क्योंकि दो-तीन हमलावरों में से एक को पाकिस्तान से आया बताया गया है। आतंकवादियों ने तीन तरफ से बस हमला किया था। घटना के तुरंत बाद सेना ने सारे इलाके की घेरेबंदी करके तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इससे पहले 10 दिसंबर को पाक समर्थित आतंकवादियों ने बांदा पोर के गुलशन चौक इलाके में पुलिस पार्टी को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी, जिसमें मोहम्मद और फयाज अहमद नामक दो जवान शहीद हुए थे। सोमवार की दोपहर मध्य कश्मीर के बाहरी इलाके रंगरेथ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर तैयबा के दो आतंकी मारे गए। एक लंबे अर्से के बाद रंगरेथ मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों पर कुछ युवकों ने पथराव किया। मुठभेड़ को लेकर कुछ महिलाओं ने भी प्रदर्शन किया, सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर संदेह जताया। आरोप लगाया कि सुरक्षा बल बेकसूरों को मार रहे हैं और इसका जवाब जरूर दिया जाएगा और देर शाम पुलिस वाहन पर हमले की घटना घट गई। इससे जाहिर होता है कि घाटी में आतंकवादी संगठनों के साथ कुछ स्थानीय लोगों की सहानुभूति बनी हुई है और आतंकियों को इनके द्वारा संरक्षण मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर में एक तरफ जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने की कोशिश हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों और आतंकी हमलों में तेजी आई है। घुसपैठ करने वाले आतंकियों के दल में महिला आतंकियों को भी भेजा जा रहा है। सुरक्षा बलों ने हाल ही में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के दल में शामिल महिला आतंकी को मार गिराया गया था। ये घटनाएं केन्द्र की चिंता बढ़ाने वाली है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने वाली भी है। कश्मीर में जैसे ही ज्यादा पाबंदियां हटाए जाने के बाद फिर से आतंकी हमलों में तेजी आई है। सारी घटनाएं और बदलते हालात फिर से चुनौती बन रहे हैं और लग रहा है घाटी में आतंकियों की अच्छी खासी मौजूदगी है।

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