मोदी सरकार ने किया शर्तों में बदलाव, एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी नहीं

मोदी सरकार ने किया शर्तों में बदलाव, एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी नहीं

देश में कोरोना वायरस की बेकाबू होती दूसरी लहर पर थोड़ी बहुत लगाम लगाने के बाद मोदी सरकार ने टेस्टिंग से जुड़ी शर्तों में कुछ बदलाव किए। नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी नहीं होगा। साथ ही कोविड मरीजों को बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए भी अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की बेकाबू होती दूसरी लहर पर थोड़ी बहुत लगाम लगाने के बाद मोदी सरकार ने टेस्टिंग से जुड़ी शर्तों में कुछ बदलाव किए। नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी नहीं होगा। साथ ही कोविड मरीजों को बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए भी अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। हालांकि इसके लिए लक्षणों में काफी सुधार जरूरी होगा, अगर कोविड के मरीज को पांच दिन से बुखार नहीं है तो उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने से पहले टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होगी। आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि 30 अप्रैल को देश में 19.45 लाख टेस्ट किए गए, ये पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की इजाजत है, इसके लिए किसी से मान्यता लेने की जरूरत नहीं है, घर में टेस्ट के उपायों का पता लगाया जा रहा है।

इन राज्यों में घटे-बढ़े केस
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, चंडीगढ़, लद्दाख, दमन और दीव, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में रोज मिल रहे नए मामलों में लगातार कमी आ रही है। हालांकि, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, असम, जम्मू-कश्मीर, गोवा, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में केस में बढ़ोतरी का ट्रेंड दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 13 राज्यों में एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं। देश में इस समय पॉजिटिविटी रेट 21 फीसदी है। 26 राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है। गोवा में यह सबसे ज्यादा 49.6 फीसदी है। पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक और राजस्थान में पॉजिटिविटी 30 फीसदी से ज्यादा है। छह राज्यों में यह रेट 5 से 15 फीसदी है, सिर्फ 4 राज्यों में 5 फीसदी से कम लोग संक्रमित मिल रहे हैं।

दूसरी डोज लगवाने वाले को राज्य दें प्राथमिकता
मोदी सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों को कोविड रोधी टीके की पहली डोज लग चुकी है उन्हें दूसरी डोज लगाने को प्राथमिकता दें। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि जो लोग दूसरी डोज लगवाने का इंतजार कर रहे हैं ऐसे लाभार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाना चाहिए। भूषण ने इस संबंध में राज्यों से कहा कि भारत सरकार चैनल से उन्हें दिए जाने वाले टीकों में से कम से कम 70 फीसदी (दूसरी नि:शुल्क) टीकाकरण और पहली खुराक के लिए शेष 30 फीसदी आरक्षित कर सकते हैं। केंद्र ने कहा कि राज्यों को आने वाले तीन दिनों में वैक्सीन की 7 लाख खुराकें दी जाएंगी। बयान के अनुसार, हालांकि यह सिर्फ निर्देशात्मक है। राज्यों को इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक करने की स्वतंत्रता है। योजना बनाने के लिहाज से राज्यों के साथ कोविन की राज्यवार संख्या साझा की गई है।

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