विकास साझेदारी के कई समझौतों पर भारत-नेपाल के हस्ताक्षर

ऊर्जा क्षेत्र में साझीदारी बढ़ाएंगे भारत नेपाल

विकास साझेदारी के कई समझौतों पर भारत-नेपाल के हस्ताक्षर

दोनों प्रधानमंत्रियों ने जयनगर से कुर्था (नेपाल) के बीच रेलवे लाइन का उद्घाटन किया और यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

नई दिल्ली। भारत एवं नेपाल ने पनबिजली क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के संकल्प के साथ विकास साझेदारी के कई समझौतों पर आज हस्ताक्षर किये।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के बीच शनिवार को यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक में ये फैसले लिये गये। दोनों प्रधानमंत्रियों ने जयनगर से कुर्था (नेपाल) के बीच रेलवे लाइन का उद्घाटन किया और यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। दोनों नेताओं ने नेपाल में रूपे कार्ड के प्रचलन की शुरुआत की और 132 किलोवाट क्षमता की सोलू कॉरीडोर विद्युत पारेषण लाइन एवं सबस्टेशन का उद्घाटन किया। नेपाल ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ (आईएसए) में औपचारिक रूप से प्रवेश के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये।

इस मौके पर मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल की दोस्ती, हमारे लोगों के आपसी सम्बन्ध, ऐसी मिसाल विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती। हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति, हमारे आदान-प्रदान के धागे, प्राचीन काल से जुड़े हुए हैं। अनादिकाल से हम एक-दूसरे के सुख-दु:ख के साथी रहे हैं।

 मोदी ने कहा कि भारत एवं नेपाल ने ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया है। ऊर्जा सहयोग पर हमारा संयुक्त ²ष्टिपत्र भविष्य में सहयोग का ब्लूप्रिंट साबित होगा। हमने पंचेश्वर परियोजना में तेज गति से आगे बढऩे के महत्व पर जोर दिया। यह परियोजना इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि हमने भारतीय कंपनियों द्वारा नेपाल के पनबिजली विकास योजनाओं में और अधिक भागीदारी के विषय पर भी सहमति व्यक्त की। यह प्रसन्नता का विषय है कि नेपाल अपनी सरप्लस बिजली भारत को निर्यात कर रहा है। इसका नेपाल की आर्थिक प्रगति में अच्छा योगदान रहेगा। भारत बिजली के आयात को बढ़ाने के बारे में बात कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने नेपाल द्वारा आईएसए का सदस्य बनने पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे हमारे क्षेत्र में सतत, किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेग। उन्होंने कहा कि देउबा जी और मैंने व्यापार और सभी प्रकार से सीमा पार कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देने पर भी सहमति जताई है। जयनगर-कुर्था रेल लाइन की शुरुआत इसी का एक भाग है। दोनों देशों के लोगों के बीच सुगम, बाधारहित आदान-प्रदान के लिए ऐसी योजनायें बेहतरीन योगदान देंगी।

 मोदी ने कहा कि नेपाल में रूपे कार्ड की शुरुआत हमारी वित्तीय कनेक्टिविटी में एक नया अध्याय जोड़ेगी। इसके अलावा अन्य परियोजनाएं जैसे नेपाल पुलिस अकादमी, नेपालगंज में एकीकृत जांच चौकी, रामायण सर्किट आदि भी दोनों देशों को और करीब लाएंगे।

 देउबा ने अपने संबोधन में कोविड काल में नेपाल को महामारी से निपटने के लिए दवाएं, वैक्सीन एवं लॉजिस्टिक सहायता देने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से भैरवा में आईसीपी का निर्माण जल्द कराने, नेपालगंज से जनकपुर तक रेलङ्क्षलक बनाने और पश्चिमी नेपाल में खाद की आपूर्ति में सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए मोदी की सराहना की और बातचीत के माध्यम से सीमा संबंधी विवाद का जल्द से जल्द स्थायी समाधान करने का भी अनुरोध किया।

 देउबा के साथ प्रतिनिधिमंडल नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खडका, ऊर्जा, जलसंसाधन एवं सिंचाई मंत्री  पुष्पा भुसाल, स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री बिरोध खातीवाडा और कृषि एवं मवेशी विकास मंत्री महेन्द्र राय यादव भी थे।

 देउबा उनकी पत्नी  आरजू राणा देउबा एवं प्रतिनिधिमंडल सदस्यों के साथ शुक्रवार को तीन दिन की भारत यात्रा पर यहां पहुंचे। वह रविवार को वाराणसी जाएंगे और काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर और पशुपतिनाथ मंदिरों के दर्शन एवं पूजन करेंगे। वह ललिता घाट पर एक वृद्धाश्रम का शिलान्यास भी करेंगे।

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