8 चेहरे विधायकी के बाद सांसदगिरी के मैदान में उतरे
इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया
भारतीय आदिवासी पार्टी से एक और एक निर्दलीय विधायक भी लोकसभा में जीत के लिए लोकसभा सीटों पर ताल ठोंक चुके हैं। पर्चा दाखिल कर चुनाव लड़ रहे हैं।
जयपुर। राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस-गठबंधन के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो चुकी है। विधानसभा चुनाव में जीतें 200 में से 8 विधायक ऐसे हैं, जो सात लोकसभा सीटों से चुनावी मैदान में हैं। भाजपा से जीतकर आए 115 विधायकों में से किसी को टिकट नहीं दिया गया, लेकिन कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए एक विधायक से विधायकी से इस्तीफा दिलाकर मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस में चार विधायक ऐसे हैं, जिन पर कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में भी जीत दर्ज कराने के लिए मजबूत माना और इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। वहीं आरएलपी से एक, भारतीय आदिवासी पार्टी से एक और एक निर्दलीय विधायक भी लोकसभा में जीत के लिए लोकसभा सीटों पर ताल ठोंक चुके हैं। पर्चा दाखिल कर चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस से ललित, हरीश, मुरारी और बृजेन्द्र हैं चेहरा
कांग्रेस ने चार लोकसभा सीटों पर अपने विधायको पर दांव खेला है। अलवर लोकसभा से मुंडावर के विधायक ललित यादव, दौसा लोकसभा से विधायक व मीणा वर्ग के चेहरे मुरारीलाल मीणा, झुंझुनूं लोकसभा से यहां के विधायक व जाट वर्ग के बड़े चेहरे बृजेन्द्र ओला और देवली उनियारा से विधायक हरीश मीणा को टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है।
भाजपा से महेंद्रजीत सिंह मालवीय
कांग्रेस के बागीदौरा के विधायक और उदयपुर संभाग के आदिवासी बेल्ट के बड़े चेहरे महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कांग्रेस को बॉय-बॉय कहकर लोकसभा चुनावों से पूर्व भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। बाद में उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने उन्हें बांसवाड़ा सीट से अपना चेहरा बनाकर मैदान में उतारा है।
बाड़मेर से निर्दलीय भाटी लड़ रहे
बाड़मेर सीट से शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी चुनाव लड़ रहे हैं। भाटी विधानसभा चुनावों से पूर्व भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन टिकट नहीं मिला तो बागी हो गए। शिव से मैदान में कूदे और सफलता भी मिली। हालांकि बाद में वे भाजपा सरकार के समर्थन में ही दिख रहे थे, लेकिन अब लोकसभा चुनावों में अपनी-अलग राह चुनकर चुनाव लड़ रहे हैं।
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