पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुने स्टूडेंट्स टेस्ट पेपर देंगे
ह्यूमैनिटीज को चुनने वाले छात्रों की संख्या थोड़ी कम हुई है
छात्रों को एग्जाम के लिए बहुत ज्यादा दूर नहीं जाएंगे। इस बार कॉमर्स और ह्यूमैनिटीज को चुनने वाले छात्रों की संख्या थोड़ी कम हुई है।
जयपुर। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी यूजी-2024) में इस बार 13,47,618 छात्र शामिल होंगे, जो संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले कम है। हालांकि, इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुने स्टूडेंट्स टेस्ट पेपर कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के साथ-साथ ऑफलाइन एग्जाम देंगे। हालांकि कुछ विषय ऐसे हैं, जिनमें 5 लाख से लेकर 10 लाख तक आवेदन हैं और उनमें तो आॅफलाइन एग्जाम होना लगभग तय है। अगले हफ्ते तक सीयूईटी एग्जाम की डेटशीट आ जाएगी। इस बार छात्रों की हाजिरी पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा रहेगी, क्योंकि इस बार ज्यादा शहरों और ज्यादा सेंटरों पर एग्जाम होगा। ऑफलाइन एग्जाम होने के कारण स्कूल-कॉलेजों में भी सेंटर होंगे और छात्रों को एग्जाम के लिए बहुत ज्यादा दूर नहीं जाएंगे। इस बार कॉमर्स और ह्यूमैनिटीज को चुनने वाले छात्रों की संख्या थोड़ी कम हुई है।
इंग्लिश में सबसे ज्यादा आवेदन
सब्जेक्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स की सबसे अधिक संख्या इंग्लिश में 10,07,336 छात्र है। इसके बाद केमिस्ट्री 7,01,750, फिजिक्स 6,72,773, हिंदी 2,07,839, बिजनेस स्टडीज 1,93,252, पॉलिटिकल साइंस 1,61,333, ज्योग्राफी- जियोलॉजी 83,308, फिजिकल एजुकेशन 81,818, एग्रीकल्चर 48,628, लीगल एजुकेशन 43,821 और संस्कृत 8,901 छात्रों ने आवेदन किए है। यूपी से सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन 3.4 लाख, दिल्ली 1.4 लाख, बिहार 99,000 और झारखंड 90,000 आए है। जनरल कैटिगरी के 5,43,542 छात्र, 7,17,111 पुरुष, 6,30,500 महिलाएं और 7 थर्ड जेंडर ने आवेदन किए है।
भारतीय और विदेशी भाषाओं के लिए भी हुए कई आवेदन
जेएनयू में विदेशी भाषाओं जर्मन, स्पैनिश, जापानी, रशियन में दाखिले हुए है। स्टूडेंट्स ने इस बार कई भाषाओं के एग्जाम के लिए फॉर्म और फीस जमा की है। भारतीय भाषाओं में गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, उड़िया जैसी भाषाओं में आवेदन आए हैं।
यह है महत्वपूर्ण तथ्य
262 यूनिवर्सिटी इस बार टेस्ट में भागीदारी कर रही हैं।
8,34,207 छात्र ने जनरल टेस्ट के लिए फीस जमा की है।
6 विषयों की अधिकतम परीक्षा दे सकता है एक छात्र।
10 विषयों में परीक्षा दे सकते थे स्टूडेंट्स पिछले साल तक।
4.3 सब्जेक्ट्स औसतन चुने हैं इस बार एक छात्र ने।
2.3 पर्सेंट था पिछले साल का यह डेटा।
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