पर्यावरणीय चुनौतियां और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय सेमिनार
विकारों को दूर किया जा सके
पर्यावरणीय मुद्दों के स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में समुदाय की भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव को पर्यावरण प्रेमी बनना होगा, जिससे कि समाज में पर्यावरण को दूषित करने वाले विकारों को दूर किया जा सके।
जयपुर। एस .एस.जी. पारीक पीजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बानीपार्क में आईएसएलएस के सहयोग से पर्यावरण एवं इससे संबंधित चुनौतियां और मानव स्वास्थ्य विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गयी। इस सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य विशेषज्ञों, विद्वानों, और अधिवक्ताओं को एक मंच पर लाकर पर्यावरणीय चुनौतियों के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले व्यापक प्रभावों पर चर्चा करना है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता पर्यावरण विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक, हेलो किसान संस्थापक मुकेश गुप्ता ने पर्यावरणीय मुद्दों के स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में समुदाय की भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव को पर्यावरण प्रेमी बनना होगा, जिससे कि समाज में पर्यावरण को दूषित करने वाले विकारों को दूर किया जा सके।
डॉ. प्रमिला दुबे ने बताया कि इसके माध्यम से अनुसंधान निष्कर्षों को नीति विमर्श और समुदाय के अनुभवों के साथ एकीकृत करते हुए, हम इन प्रभावों को कम करने की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं। सेमिनार में यूजीसी एमेरिटस फेलो प्रोफेसर मधु कुमार, इग्नू जयपुर क्षेत्रीय सहायक निदेशक डॉ. राम मुर्ति मीना, आईएसएलएस सचिव प्रोफेसर हेमंत पारीक और सेमिनार कन्वीनर डॉ. आरबी कुमावत ने संक्रामक रोगों के प्रसार, खाद्य और जल सुरक्षा, वायु गुणवत्ता, और जलवायु चिंता के मनोवैज्ञानिक पहलुओं सहित पर्यावरणीय मुद्दों द्वारा उत्पन्न स्वास्थ्य चुनौतियों चर्चा की। इस मौके पर एस.एस. जी पारीक महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. विजयलक्ष्मी पारीक और डॉ. सुमित्रा आर्य सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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