7 साल में 2.09 लाख पर्यटकों ने उठाया सफारी का आनंद
2023-24 में दिखी सर्वाधिक पर्यटक संख्या
वन विभाग से मिले आंकड़ों पर नजर डाले तो यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सात साल में अब तक यहां 2,09,560 पर्यटक सफारी कर चुके हैं, जिससे वन विभाग को 9,56,41,079 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
जयपुर। प्रदेश की वाइल्ड लाइफ सफारियों की बात करें तो सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, अलवर स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व के साथ ही जयपुर शहर के बीच स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व भी पर्यटकों की पसंद में शुमार है। यहां सुबह और शाम की पारियों में होने वाली सफारी के लिए पर्यटकों में क्रेज देखा जा सकता है। यहां इन्हें लेपर्ड के साथ ही हाइना, जरख, नीलगाय, सियार सहित अन्य वन्यजीवों को निहारने का मौका मिलता है। वन विभाग से मिले आंकड़ों पर नजर डाले तो यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सात साल में अब तक यहां 2,09,560 पर्यटक सफारी कर चुके हैं, जिससे वन विभाग को 9,56,41,079 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
हर वर्ष ऐसे बढ़ते गए पर्यटक
वन विभाग के मुताबिक साल 2017-18 में 15,479 पर्यटकों ने झालाना लेपर्ड सफारी की थी। वहीं साल 2018-19 में 27,575, साल 2019-20 में 26,185, साल 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण 21,505 पर्यटक आए। साल 2021-22 में पर्यटकों की संख्या में फिर से इजाफा देखने को मिला। इस दौरान 34,796 पर्यटक आए। साल 2022-23 में 39,463 और साल 2023-24 में 44,557 पर्यटकों ने यहां लेपर्ड, हाइना, सियार सहित अन्य वन्यजीवों को निहारने के साथ ही इनकी तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया।
झालाना लेपर्ड रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
-जगदीश गुप्ता, डीसीएफ
शहर के बीचों-बीच स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां सफारी के लिए हमारे पास अच्छी खासी क्वेरीज आती रहती हैं। पर्यटकों को जयपुर आने पर किले, महल, संग्रहालय देखने के साथ ही वाइल्ड लाइफ से भी जुड़ने का मौका मिलता है।
-संजय कौशिक, पर्यटन विशेषज्ञ
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