बरड़ा बस्ती में लोगों को भरना पड़ रहा ट्यूबवैल का गंदा पानी
जल समस्या: विभाग ने एक साल पहले लाइन डाल दी
कनेक्शन अभी तक नहीं दिए, जो हैं वो भी अवैध।
कोटा। जलदाय विभाग की तमाम तैयारियों के बावजूद भी कोटा शहर के कई इलाके अभी भी साफ पानी के लिए तरस रहे हैं। शहर के छोर पर बसी बरड़ा बस्ती के कई इलाकों में पाइप लाइन बिछ जाने के बाद भी लोग ट्यूबवेल के गंदे पानी को इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं। जलदाय विभाग की ओर से गर्मी के मौसम के दौरान शहर के सभी इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए संयंत्रों को पूरी क्षमता पर चलाने के साथ ही टैंकरों की व्यवस्था की थी ताकि जिन इलाकों में पाइप लाइन नहीं होने से पानी पहुंच पाता या पानी की ठीक तरह से सप्लाई नहीं हो पाती उन इलाकों में टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा सके। लेकिन विभाग द्वारा तैयारियों का लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है।
एक साल पहले डाली पाइप लाइन कनेक्शन नहीं दिए
शहर के बरड़ा बस्ती इलाके में जलदाय विभाग द्वारा करीब एक साल पहले पानी की पाइप लाइन डाली गई थी। विभाग द्वारा इलाके के करणी नगर में भैरू जी के मंदिर तक पाइप लाइन डालकर छोड़ दी उसके बाद वाले इलाके में आज भी पाइप लाइन मौजूद नहीं है। वहीं विभाग की ओर से जिन इलाकों में पाइप लाइन डाली गई गई थी उन इलाकों में आज कनेक्शन नहीं दिए हैं। जहां लोगों ने खुद से ही कनेक्शन लिए हुए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि विभाग की ओर से पाइप लाइन डालने के बाद किसी अधिकारी ने इलाके की जानकारी नहीं ली जिस वजह से सैंकडों कनेक्शन बिना विभाग की स्वीकृति के चालू हैं।
दिन भर मात्र आधे घंटे पानी
इन सब समस्याओं के अलावा इलाके में पानी की सप्लाई मात्र आधे घंटे के लिए ही होती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इतनी देर में न तो घर के ना ही दूसरे काम हो पाते हैं पानी भरने के लिए भी मोटर का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसमें भी रुक रुक कर पानी आता है। वहीं इलाके में मौजूद दोनों ट्यूबवेल से भी अब गंदा पानी आने लगा है जो किसी तरह के काम के लायक नहीं है।
खुले कनेक्शन से बह जाता है हजारों लीटर पानी
स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस इलाके में कोई भी कनेक्शन विभाग की स्वीकृति के नहीं हुआ है सभी कनेक्शन अवैध रूप से संचालित हैं। ऐसे में कोई मीटर नहीं होने और खुले कनेक्शन होने से आगे के इलाकों में सारा पानी बह जाता है। विभाग को कनेक्शन देने के लिए बोला भी है लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। साथ ही विभाग के अधिकारी वन भूमि बताकर किसी भी तरह के निर्माण को मना कर देते हैं। जिस पर लोगों का कहना है कि जब विभाग की ओर से वन भूमि पर पहले ही पाइप क्यों डाली गई और डाल दी गई तो कम से कम कनेक्शन तो दें।
इनका कहना है
ठीक से सप्लाई नहीं होने के कारण ट्यूबवेल का गंदा पानी काम में लेना पड़ता है। लाइन में अवैध कनेक्शन बंद हो जाएं और जलापूर्ति का समय बढ़ जाए तो ट्यूबवेल से पानी नहीं भरना पड़े।
- सुनिता वर्मा, स्थानीय निवासी
इलाके में पानी को लेकर सालों से समस्या है जिसके के समाधान के लिए जलदाय विभाग द्वारा पिछले साल पाइप डाली गई थी। पाइप लाइन के डलने के बाद लगा की समस्या खत्म हो जाएगी लेकिन स्थिति अभी भी वैसी ही है। विभाग ने अगर लाइन डाली है तो कनेक्शन देकर पूरी तरह से सप्लाई चालू करे।
- नितिन गुर्जर, स्थानीय निवासी
विभाग के द्वारा पाइप लाइन में कनेक्शन नहीं देने से लोगों ने लाइन में अवैध रुप से कनेक्शन ले रखे हैं और उन्हें बंद भी नहीं करते इसके लिए मना करो तो धमकाते हैं। विभाग से कनेक्शन देकर मीटर लगाने को बोला है पर वो वन विभाग की जमीन होने की बोलकर मना कर देते हैं।
- सुरज गौड़, स्थानीय निवासी
विभाग की ओर से सभी इलाकों में पर्याप्त सप्लाई दी जा रही है कुछ इलाकों में समस्या है तो वहां टैंकर भेज दिए जाएंगे। कनेक्शन देने के लिए कोई आवेदन करेगा तो उसे समीटर कनेक्शन देंगे। वहीं लाइन में हो रहे अवैध कनेक्शनों पर कारवाई जारी है।
- भरतभुषण मिगलानी, अधिषाशी अभियंता, जलदाय विभाग
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