अमली जामा नहीं पहन पा रही जीवन रक्षक योजना
योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्त विभाग की प्रक्रिया पूर्ण: लेकिन अधिकारी नहीं ले रहे रुचि
परिवहन विभाग कर चुका है अधिसूचना जारी।
दीगोद। राज्य सरकार ने गुड सेमेरिटन को कानूनी पेचीदगियों से बचाने के अलावा सम्मान स्वरूप 5000 रुपए व प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान किया है। ताकि लोग सड़क दुर्घटना में घायल की बिना किसी डर के तत्काल मदद कर उनकी जान बचाने में मददगार बन सकें। इसके लिए परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा को लेकर अधिसूचना भी जारी की है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में रुचि नहीं ले रहे हैं। अभी तक स्थानीय पुलिस और मेडिकल अधिकारियों ने ऐसे किसी भी व्यक्ति को आज तक पुरस्कृत नहीं किया है। जबकि सड़क दुर्घटना में कई मामले क्षेत्र में हो चुके हैं और लोगों ने उन्हें अस्पताल तक पहुंचाया है। इसके बावजूद भी सरकार की योजना का लाभ लोगों को नहीं मिलने का कारण क्षेत्र के अधिकारियों की शिथिलता को दर्शाता है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने जीवन रक्षक योजना की शुरूआत की है। इसके तहत प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर घायल व्यक्ति को कम से कम समय में अस्पताल पहुंचने वाले व्यक्ति को 5000 रुपए का इनाम देने के साथ ही उसे सम्मानित भी किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्त विभाग की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। इस योजना के तहत सरकारी एंबुलेंस, निजी एंबुलेंस के कर्मचारी, पीसीआर वेन और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी तथा घायल व्यक्ति के रिश्तेदारों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा कोष योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। हालांकि प्रदेश में कुछ समय पहले ऐसे लोगों को पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया गया है।
गंभीर घायल की मेडिकल अधिकारी को दें जानकारी
जीवन रक्षक योजना को सफल बनाने के लिए सड़क सुरक्षा कोष से जन स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को प्रदेश में पूर्व में 5 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। गंभीर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचने वाला व्यक्ति अगर अपनी पहचान बताने और योजना का लाभ लेने के लिए तैयार है तो उसे नाम, पता और मोबाइल नंबर जैसी कुछ सामान्य जानकारी अस्पताल के इमरजेंसी रूप में कार्यरत मेडिकल अधिकारी को देनी होगी। अगर घायल व्यक्ति गंभीर श्रेणी का है तो मदद करने वाले को 5000 का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
योजना का करें प्रचार-प्रसार
दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति पत्र देने की योजना का प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण लोगों में जागरुकता नहीं आ सकी है। अभी भी कार्यवाही के नाम पर डरते हैं। ऐसे में जरूरत है कि अधिकारियों को इस ओर ध्यान देकर इस योजना का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। जिससे निश्चित तौर पर लोगों की मदद होगी।
- हेमराज गोचर, दीगोद
लोग आने लगे हैं मदद को
लंबे समय से सुनते आ रहे थे कि अगर किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाते हैं तो पुलिस की कार्रवाई से गुजरना पड़ता है। कई बार पुलिस मदद करने वाले को भी गुनहगार बना देती है। लेकिन सरकार ने जब से प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति पत्र देने वाली योजना लाई है, तब से लोग मदद को आगे आने लगे हैं।
- हरिओम मीना, हरिपुरा
मददगारों पर नहीं डाला जाएगा कोई दबाव
जीवन रक्षक योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे जानकारी नोट करवाने के बाद तुरंत ही अस्पताल से जाने दिया जाएगा। ज्यादा पूछताछ नहीं की जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं में लोग गंभीर घायल होते हैं और अक्सर लोग कानूनी कार्यवाही के डर से सहायता करने से कतराते हैं तथा घायलों को अस्पताल नहीं पहुंचाते। इस वजह से घायलों को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती। जबकि घायल के लिए शुरूआती समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया की यदि घायल की सहायता करने वाले मददगारों की संख्या एक से ज्यादा है तो सबको पुरस्कार दिया जाएगा।
- डॉ. राजेश सामर, बीसीएमओ सुल्तानपुर
पुलिस नहीं करेगी परेशान
दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल लाने व सूचना देने वालों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं रहेगा। पुलिस उनसे सामान्य जानकारी के अलावा कुछ अन्य पूछताछ नहीं करेगी। अस्पताल पहुंचाने वालों से घायल के उपचार के लिए पैसे की मांग नहीं करेंगे और घायल का उपचार भी तुरंत शुरू होगा।
- रणजीत सिंह, थानाधिकारी, दीगोद
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