राहत: एक साल में सिर्फ ढाई प्रतिशत बढ़ा हादसों का ग्राफ

पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष महज 8 मौतें ज्यादा

राहत: एक साल में सिर्फ ढाई प्रतिशत बढ़ा हादसों का ग्राफ

प्रदेश में हुए सड़क हादसों को लेकर पिछले वर्ष 2023 के मार्च माह तक की बात की जाए तो 6271 हादसे हुए थे जो अब वर्ष 2024 तक हादसों का आंकड़ा 6415 हो गया है।यानि कि 219 लोग कम घायल हुए। 

जयपुर। प्रदेश में हुए सड़क हादसों को लेकर पिछले वर्ष 2023 के मार्च माह तक की बात की जाए तो 6271 हादसे हुए थे जो अब वर्ष 2024 तक हादसों का आंकड़ा 6415 हो गया है। यानि कि वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 तक 144 हादसे ज्यादा हुए हैं। वहीं इन हादसों में मौत की बात की जाए तो 2023 के मार्च माह तक 2837 और 2024 में 2845 मौत हुई यानि मात्र 8 मौत 2023 की अपेक्षा में ज्यादा हुई। वर्ष 2023 में कुल हादसों में 6010 घायल हुए जबकि वर्ष 2024 में 5791 लोग घायल हुए हैं। यानि कि 219 लोग कम घायल हुए। 

टॉप टेन हादसों वाले जिले
वर्ष 2023 में सबसे ज्यादा हादसे उदयपुर में 349, जयपुर पूर्व में 230, कोटपुतली-बहरोड़ में 229, अलवर में 229, जयपुर पश्चिम में 216, अजमेर में 191, सीकर में 185, जयपुर दक्षिण में 177, दौसा में 171 और भीलवाड़ा में 157 हादसे हुए। वहीं वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा हादसे उदयपुर में 334, जयपुर पूर्व में 285, जयपुर पश्चिम में 255, अलवर में 229, सीकर में 209, अजमेर में 204, भीलवाड़ा में 202, जयपुर दक्षिण में 194, दौसा में 182 और कोटपुतली-बहरोड़ में 166 हादसे हुए। 

हादसों में हुई मौत के टॉप टेन जिले
वर्ष 2023 में सीकर में 126, उदयपुर में 120, अलवर में 95, कोटपुतली-बहरोड़ में 93, भरतपुर में 87, दौसा में 75, जयपुर पश्चिम में, जयपुर ग्रामीण, बीकानेर में 76, अजमेर में 72, ब्यावर में 71 और चित्तौड़गढ़ में हुए हादसो में 68 मौत हुई। इसी प्रकार वर्ष 2024 में उदयपुर में 141, अलवर में 119, सीकर में 114, अजमेर में 88, भीलवाड़ा, बीकानेर में 87, जयपुर पश्चिम में 86, दौसा में 84, डूंगरपुर में 83, भरतपुर में 82 और राजसमंद में 73 मौत हुई। 

रफ्तार पर लगाम और चालान से अंकुश
एक्सपर्ट के अनुसार वाहनों की रफ्तार पर लगाम और यातायात पुलिस की शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई और जनजागरुकता अभियान समेत चालान की तेज प्रक्रिया से हादसों पर अंकुश लगा है। 

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