आसमां से होगी सितारों की बारिश, दिखेगा दुर्लभ नजारा 

पृथ्वी हैली धूमकेतू के धूल भरे मलबे से होकर गुजरेगी

आसमां से होगी सितारों की बारिश, दिखेगा दुर्लभ नजारा 

ये अंतरिक्ष में चल रही होती चट्टानें और अन्य सामग्रियां हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल में आते ही जल उठती हैं। इनके जलने से अंतरिक्ष में एक चमकीली लकीर नजर आती है।

वाशिंगटन। आने वाले दिनों में अंतरिक्ष में एक बेहद ही आश्चर्यजनक और दुर्लभ नजारा दिखने वाला है, जिसके लिए खगोलविदों ने तैयारी शुरू कर दी है। हमारी पृथ्वी हैली धूमकेतू के धूल भरे मलबे से होकर गुजरेगी, जिससे अंतरिक्ष में उल्कापिंडों की बारिश होने वाली है। इस दौरान आसमान में आतिश जैसा नजारा दिखेगा। उल्कापिंड को टूटता हुआ तारा भी कहा जाता है। ये अंतरिक्ष में चल रही होती चट्टानें और अन्य सामग्रियां हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल में आते ही जल उठती हैं। इनके जलने से अंतरिक्ष में एक चमकीली लकीर नजर आती है।

होगा सबसे अच्छा नजारा
इस दुर्लभ घटना को 4 मई की रात से देखा जा सकेगा और सुबह इसके सबसे तेज होने की संभावना है। हालांकि, नासा ने बताया है कि एक अप्रत्याशित विस्फोट के चलते खुशकिस्मत लोग 2 मई से 6 मई के बीच भी देख सकते हैं। अलबामा के हंट्सविले में नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में उल्कापिंडों पर नजर रखने वाले बिल कुक के अनुसार, इस साल हम जो टूटते तारे देख रहे हैं, उनमें से कई हैली धूमकेतू के मलबे हैं।

76 साल पर सोलर सिस्टम से गुजरता है धूमकेतु
हैली धूमकेतू 3000 साल पुराना है, जो हर 76 साल पर हमारे आंतरिक सोलर सिस्टम से होकर गुजरता है। इस दौरान यह अपना धूल भरा मलबा छोड़ जाता है। जब पृथ्वी अपनी परिक्रमा पथ पर चलते हुए उसे मलबे में घुसती है तो वायुमंडल के संपर्क में आने के चलते ये पिंड जल उठते हैं। इस दौरान हम अंतरिक्ष में प्रकाश की लकीरें देख सकते हैं। ये मलबे कई बार समूह में भी होते हैं। ऐसे में जब यह वायुमंडल से टकराते हैं तो यह उल्कापिंड विस्फोट का नजारा दिखा सकता है।

कहां से आएगा नजर
खगोलविद उत्तरी और दक्षिणी दोनों गोलार्द्धों में सुबह से पहले उल्काओं को देख सकते हैं। हालांकि दक्षिणी गोलार्द्ध पर इसका नजारा अच्छा दिखेगा। नासा ने बताया है कि इस दौरान पर्यवेक्षक आदर्श परिस्थितियों में एक घंटे में 30 उल्कापिंड देख सकते हैं। हेली धूमकेतु को सबसे प्रसिद्ध धूमकेतु माना जाता है। नासा के अनुसार, इसे आखिरी बार 1986 में पृथ्वी से देखा गया था और 2061 में यह आंतरिक सौर मंडल में वापस आएगा।

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