7 माह से सीटी स्कैन बंद, एमआरआई मशीन की बैटरियों ने तोड़ा दम
एमबीएस अस्पताल से लाकर लगाई बैटरियां, टेस्ट के बाद आज शुरू हो सकती है एमआरआई
नई सरकार गठन और विभागों के बंटवारा होने बाद भी वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने सारे काम अटके हुए है।
कोटा। कोटा मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में पहले विधानसभा और अब लोकसभा की आचार संहिता मरीजों की सेहत पर भारी पड़ रही है। पिछले सात माह से एमबीएस अस्पताल की पीपीपी मोड वाली सीटी स्कैन मशीन बंद पड़ी है। वित्तीय स्वीकृति नहीं होने से टेंडर अटके हुए है। वहीं पिछले चार दिन से न्यू मेडिकल अस्पताल में संचालित एमआरआई मशीन की बैटरियों ने भी दम तोड़ दिया जिससे मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। मरीज 15 किमी का सफर तय कर नवीन चिकित्सालय में एमआरआई के लिए जा रहे लेकिन वहां बोर्ड लगा रखा है कि एमआरआई मशीन की बैटरियां खराब हो गई है। मशीन शुरू होने पर समाचार पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया जाएगा। विधानसभा के समय लगी वित्तीय रोक अभी तक नहीं हटने से अस्पताल में दवा, उपकरण और जांच कार्य प्रभावित हो रहे है। 9 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता के बाद से वित्तीय स्वीकृतियों व नए टैंडर पर रोक लगाई थी। नई सरकार का गठन होने चार माह बाद भी अभी तक वित्तीय स्वीकृतियों से रोक नहीं हटने से अस्पतालों में महंगे उपकरण, जांच किट, महंगे उपकरण खरीद नहीं होने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। संभाग के सबसे बडेÞ अस्पताल में 7 माह से सीटी स्कैन सेवाएं नहीं मिल रही है। वित्त विभाग की ओर से नए टैंडर निकालने पर लगी रोक के चलते अभी सिटी स्कैन शुरू नहीं हो सकी। नई सरकार गठन और विभागों के बंटवारा होने बाद भी वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने सारे काम अटके हुए है। ऐसे में मरीजों को अभी सीटी स्कैन मशीन के लिए इंतजार करना होगा। सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए कई लोगों ने आवेदन भी किए लेकिन टेंडर खुलने के बाद ही इसकी शुरुआत हो सकेंगी। अभी तब तक दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को न्यू मेडिकल कॉलेज की दौड़ लगानी पड़ रही। जो वहां नहीं जा रहे वो लोग निजी सेंटर से सीटी स्कैन करवा रहे है। उल्लेखनीय है कि इस से पूर्व 29 अक्टूबर 2023 को भी सीटी स्कैन टेंडर खत्म होने से सेवाएं बंद कर दी थी। उसके बाद कुछ दिनों के लिए फिर से सेवाएं शुरू की लेकिन 4 दिसंबर को फिर से सीटी स्कैन सेवाएं बंद करने के बाद मरीज परेशान हो रहे है। इधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एमआरआई मशीन बंद पड़ी है। इंजीनियर को बुलाकर दिखाया। इंजीनियर ने बैटरी कमजोर बताई है। 2019 से लगी है। नई बैटरियों की खरीद के लिए करीब 5 लाख का खर्चा बताया है। इसके लिए प्रिंसिपल को अवगत करा दिया है। एमबीएस में सीटी स्कैन मशीन पीपीपी मोड पर लगाई जानी है, लेकिन एक फर्म ने कोटेशन को लेकर जयपुर में अपील की हुई है। वहां से निस्तारण होने के बाद ही मशीन लग पाएगी।
महंगी जांच कराना पड़ रहा भारी
पिछले छह माह से एमबीएस अस्पताल में सीटी स्कैन नहीं हो रही है। दुर्घटना में घायल लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। घायल को न्यू मेडिकल अस्पताल ले जाने में परेशानी हो रही है । महंगी जांचे बाहर से कराना गरीब आदमी के बस में नहीं है। इमजेंसी होने पर लोग निजी सेंटर से सीटी स्कैन कराकर इलाज करा रहे है। बाहर 2500 से 3500 हजार रुपए खर्च करना पड़ रहा है। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद जांचों के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। सीटी स्कैन शीघ्र शुरू कर मरीजों को राहत देनी चाहिए।
- राकेश कुमार, निवासी कोटा
एमआरआई मशीन खराब जिम्मेदार नहीं दे रहे जवाब
अपनी बेटी अलिसा की एमआरआई व सीटी स्कैन जांच करवाने के लिए जेकेलोन से दो दिन से रोजाना नवीन चिकित्सालय जा रहा हूं लेकिन वहां मशीन बंद होने से निराश लौटना पड़ रहा है।
वहां मशीन खराब बताकर वापस भेज रहे है। कोई सही से जवाब नहीं दे रहा की मशीन कब शुरू होगी। बेटी तबीयत खराब है। न्यूरो की समस्या है। डॉक्टर ने शीघ्र एमआरआई कराने के लिए बोला है। बाहर से एमआरआई कराने का बजट नहीं है।
- शराफत खान, निवासी बारां
नवीन अस्पताल जाने का 15 किमी का फेरा पड़ रहा भारी
पिछले7 माह से अस्पताल में सीटी स्कैन नहीं हो रही मरीज परेशान हो रहे है। अस्पताल में रोज चार से पांच दुर्घटना में ऐसे घायल मरीज आते है जिनकी सीटी स्कैन करानी जरूरी होती है। लेकिन यहां ये सुविधा बंद होने से मरीजों को निजी संस्थान में सीटी स्कैन कराने के लिए जाना पड़ रहा है। या फिर 15 किमी दूर मेडिकल कॉलेज जाना मजबूरी बन गया है।
- कुलदीप सिंह, निवासी नांता
इनका कहना है
सीटी स्कैन के निविदा निकाली जा चुकी है। कुछ संस्थाओं ने आवेदन भी किए है। लेकिन वित्तीय विभाग रोक के चलते टैंडर नहीं खोले गए है। जयपुर से इस संबंध में आज लेटर आया है। उसके बाद ही सीटी स्कैन मशीन शुरू करने का निर्णय होगा। एमआरआई मशीन की बैटरियां खराब हो गई है। नई बैटरियां आचार संहिता के बाद ही खरीदी जा सकेंगी। शुक्रवार को एमबीएस अस्पताल से एमआरआई मशीन को चलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए यहां से बैटरियां भेजी से शनिवार को टेस्ट होने के बाद फिर से एमआरआई मशीन शुरू हो जाएगी।
- धर्मराज मीणा, अधीक्षक एमबीएस अस्पताल कोटा
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