मंजिल तक पहुंचने में साथ रहने वाले लोग रखते हैं मायने : लक्ष्यराज
इंटरेक्टिव टॉक का संचालन किया
लक्ष्यराज सिंह के साथ प्रिजर्वेशन ऑफ हेरिटेज आर्ट एंड कल्चर इन उदयपुर विषय के साथ द लिगेसी एंड डायनेस्टी ऑफ द ग्रेट किंग-महाराणा प्रताप पर एक इंटरेक्टिव टॉक का संचालन किया।
जयपुर। महाराज कुमार डॉ. लक्ष्यराज सिंह ऑफ मेवाड़ का कहना है कि जीवन में यात्रा या मंजिल मायने नहीं रखती, बल्कि यात्रा के दौरान और मंजिल तक पहुंचने पर आपके साथ रहने वाले लोग मायने रखते हैं। लक्ष्यराज सिंह ने अपने जीवन की फिलॉसफी पर बात करते हुए कहा कि जीवन सिर्फ जीना नहीं बल्कि जीवन में आगे बढ़ना भी जरूरी है। लक्ष्यराज ने ये बात फिक्की फ्लो जयपुर चैप्टर की ओर से हुए जयपुर आर्ट फेयर के शनिवार को आरआईसी में उद्घाटन समारोह के दौरान कहीं। दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन महाराज कुमार डॉ. लक्ष्यराज सिंह ऑफ मेवाड़ ने किया। इस अवसर पर जयपुर चैप्टर की चेयरपर्सन रघुश्री पोद्दार ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह के साथ प्रिजर्वेशन ऑफ हेरिटेज आर्ट एंड कल्चर इन उदयपुर विषय के साथ द लिगेसी एंड डायनेस्टी ऑफ द ग्रेट किंग-महाराणा प्रताप पर एक इंटरेक्टिव टॉक का संचालन किया।
लक्ष्यराज सिंह ने विरासत, कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने परिवार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप और बप्पा रावल जैसे दिग्गजों के वंशज होने के बावजूद लक्ष्यराज ने विनम्रतापूर्वक रॉयल्टी के लेबल को अस्वीकार कर दिया। इस पर दर्शकों ने पूरे उत्साहपूर्वक तालियां बजाकर उनकी सराहना की। उन्होंने इसके बाद जयपुर आर्ट फेयर का अवलोकन किया। चेयरपर्सन रघुश्री पोद्दार ने बताया कि आर्ट फेयर का उद्देश्य आर्टिजंस को सशक्त बनाना, उनकी आवाज को बुलंद करने और उनकी शिल्प की प्रतिभा को प्रदर्शित करना है। फेयर में करीब 88 हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम आर्टिजंस हिस्सा ले रहे हैं, इनमें करीब 15 पुरस्कार विजेता आर्टिजंस भी शामिल हैं। फेयर के दूसरे दिन रविवार को कई टॉक शोज आयोजित होंगे।
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