फ्यूल सरचार्ज के नाम पर आयोग से मिलता है बिजली कपंनियों को अधिकार, उपभोक्ताओं को उनके हक देने में नाकाम डिस्कॉम
उपभोक्ता आज भी खुद को ठगा महसूस करते हैं
प्राइवेट इलेक्ट्रिसिटी स्टेकहॉल्डर ने आयोग और बिजली कपंनियों के बीच प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का सुझाव देते हुए आयोग के निर्देशों का सरलीकरण की मांग की है।
जयपुर। भारी भरकम खर्च बताकर बिजली कंपनियां टैरिफ याचिकाओं को पेश कर राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग से बिजली दरें बढाने या फ्यूल सरचार्ज वसूलने के आदेश हासिल कर लेती हैं। आयोग और बिजली कंपनियों के बीच राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते मिली अनुमति में उपभोक्ता आज भी खुद को ठगा महसूस करते हैं। कंपनियां राशि वसूलने के बाद भी उपभोक्ताओं को छीजत, कटौती, सुरक्षा आदि के उनके अधिकार नहीं दिला पाती। प्राइवेट इलेक्ट्रिसिटी स्टेकहॉल्डर ने आयोग और बिजली कपंनियों के बीच प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का सुझाव देते हुए आयोग के निर्देशों का सरलीकरण की मांग की है।
तीनों डिस्कॉम्स की बिजली दरें बढाने की टैरिफ याचिकाओं के निस्तारण, राजस्व संग्रहण और निवेश योजनाओं की याचिकाओं में कानूनी पेचीदगियों को सरल करने और हर जिले में स्टेकहॉल्डर्स, उपभोक्ताओं और कार्मिकों के साथ विचार मंथन करने के सुझाव प्राइवेट स्टेकहॉल्डर्स ने आयोग को दिए हैं। हाल ही में आयोग के एक प्राइवेट स्टेकहॉल्डर के साथ वीसी के जरिए आए सुझावों में आयोग और कंपनियों की कार्यशैली को सुधारने सहित उपभोक्ता के हितों का ध्यान रखने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
टैरिफ दरों और निवेश आदि को लेकर याचिकाओं को सार्वजनिक कर सभी से सुझाव मांगे जाते हैं। प्राइवेट स्टेकहॉल्डर्स के सुझावों पर भी हम विचार कर उचित निर्णय लेते हैं।
- हिमांशु खुराना, सचिव, राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग
टैरिफ याचिकाओं के उपभोक्ताओं से जुडेÞ मुद्दों और निवेश योजना को लेकर हमने आयोग को सुझाव दिए हैं। उम्मीद है कि उपभोक्ताओं और स्टेकहॉल्डर्स के हितों का ध्यान रखकर कार्यशैली में सुधार होगा।
- बालमुकुन्द सनाढ्य, निदेशक, समता पावर
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