समर्थकों की भीड़ से बोले सोरेन, उनकी ताबूत में आखिरी कील ठोकने का वक्त आया
रिहाई के बाद आक्रामक तेवर अख्तियार किया है
बूंदाबादी के बीच अपने आवास पर उमड़े समर्थकों को उन्होंने विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया।
रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चाके कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान हेमंत सोरेन ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला और समर्थकों को विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा जल्द ही राज्य में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी में है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेल से रिहाई के बाद आक्रामक तेवर अख्तियार किया है। बूंदाबादी के बीच अपने आवास पर उमड़े समर्थकों को उन्होंने विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, भाजपा की तैयारी निर्धारित समय से पहले चुनाव कराने की है। ललकारते हुए हेमंत बोले,चुनौती देता हूं कि कल ये चुनाव की घोषणा कर दें। इनका सफाया साफ हो जाएगा। इनकी ताबूत में आखिरी कील ठोकने का समय आ गया है। हेमंत सोरेन ने कहा कि पांच महीने मैं फर्जी आरोप में जेल में रहा। साजिश थी कि हम उनके विरुद्ध खड़ा नहीं हो पाएं। उसकी जुगत ये लगाए हुए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं। न्यायालय से मुझे न्याय मिला। न्यायालय के न्याय में जो बातें आदेश में लिखी गई हैं, उसे पूरे देश और राज्य के लोग पढ़ रहे हैं। हमने जो गति देने का प्रयास कियाए उस गति को हम और रफ्तार दे सकते थे। इनको डर था कि हम और ज्यादा समय रह गए तो भाजपा आने वाले समय में दीया लगाकर ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि जेल में दलित, पिछड़ा, गरीब, युवा बंद हैं। उनकी तकलीफ बयान नहीं कर सकता। सुनियोजित तरीके से खनिज संपदा से संपन्न राज्य को पीछे धकेला गया। पूरे देश की अर्थव्यवस्था हमसे चलती है। रेवन्यू के बदले में हमें भीख मिलता है। बहुत जल्द राज्य और देश में बदलाव देखने को मिलेगा। सड़क से सदन तक ऐसे षडयंत्रकारी का मुंहतोड जवाब देंगे। उनको पता चलेगा कि गरीब गुरबा से लड़ने का परिणाम क्या है। थोड़ी देर के लिए बादल मंडरा सकते हैं, लेकिन हमेशा चांद सूरज को नहीं ढंक सकते।
हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा का काम आपस में लोगों को लड़ाना है। ये लोग लगातार षड्यंत्र को अंजाम दे रहे हैं। ये भाई भाई को लड़ाते, हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाते, आदिवासी ईसाई के नाम पर, अगड़ा पिछड़ा के नाम पर लगाते हैं। इसी में इनको डिग्री मिला हुआ है। इन्होंने संवैधानिक संस्थाओं को मुट्ठी में कर लिया है। सबसे बड़ी अदालत जनता की अदालत है। आप इस दीये को बुझने नहीं दें। हम अपने पूर्वजों का संकल्प पूरा करेंगे। हमलोगों को भटकाने का प्रयास होगा। मनुवादी और सामंती सोच को खत्म करने का वक्त आ गया है।
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