हिंसा फैलाती है भाजपा, गुजरात में कांग्रेस कार्यालय पर हमला इसका सबूत : गोगोई
भाजपा के लोगों ने यह हिंसक हमला किया है
प्रणीति शिंदे ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात में कांग्रेस कार्यालय पर हमला हुआ है और आरएसएस एवं भाजपा के लोगों ने यह हिंसक हमला किया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि गुजरात में कांग्रेस कार्यालय पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों ने हमला किया है और इससे विपक्ष के नेता राहुल गांधी की यह बात सही साबित हुई कि भाजपा नफरत और हिंसा फैलाती है। पार्टी ने मणिपुर को लेकर भी सरकार पर हमला किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर का उल्लेख नहीं किया और विपक्ष के नेता इस मद्दे पर बोलना चाहते थे, लेकिन उनको भी बोलने नहीं दिया गया। कांगेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई तथा प्रणीति शिंदे ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात में कांग्रेस कार्यालय पर हमला हुआ है और आरएसएस एवं भाजपा के लोगों ने यह हिंसक हमला किया है।
उन्होंने कहा कि ये कायरतापूर्ण हमला नेता विपक्ष राहुल गांधी की उस बात को साबित करता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा के लोग हिंसा और नफरत फैलाते हैं। गुजरात की जनता इन्हें सही समय आने पर सबक सिखाएगी और गुजरात में इंडिया जीतेगा। गांधी ने भी इस हमले को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा,''गुजरात कांग्रेस कार्यालय पर हुआ कायरतापूर्ण और हिंसक हमला भाजपा तथा संघ परिवार के बारे में मेरी बात को और पुख्ता करता है। हिंसा और नफऱत फैलाने वाले भाजपा के लोग ङ्क्षहदू धर्म के मूल सिद्धांतों को नहीं समझते। गुजरात की जनता उनके झूठ को साफ देख रही है और समय आने पर वहां की जनता भाजपा सरकार को निर्णायक सबक सिखाएगी। मैं फिर से कह रहा हूं इंडिया समूह गुजरात में जीतने वाला है। गोगोई ने मणिपुर के सवाल पर कहा कि सदन के अंदर कल एक दुखद नजारा देखने को मिला। हमारी मांग थी और नेता विपक्ष राहुल गांधी जी ने इस बात को उठाया कि मणिपुर के दोनों सांसदों को अपनी बात रखनी चाहिए। क्योंकि राहुल गांधी जी जानते थे कि अगर दोनों सांसदों को अपनी बात रखने का समान मौका नहीं मिलेगा तो सदन से मणिपुर के लोगों को एक गलत संदेश जाएगा। हमारे इनर मणिपुर के सांसद ने सदन में अपनी बात रखी लेकिन हम चाहते थे कि आउटर मणिपुर के सांसद भी अपनी बात रखें। लेकिन अफसोस कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की व्यथा सुनना ही नहीं चाहते।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि श्री मोदी हमारे मणिपुर के सांसद को अपनी बात रखने का मौका दें, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। श्री मोदी ने दो घंटे भाषण दिया, वही पुरानी घिसी-पिटी बातें करते रहे, लेकिन मणिपुर पर कुछ नहीं बोला इसीलिए इंडिया समूह ने एकजुट होकर मणिपुर के लिए न्याय की आवाज उठाई। शिंदे ने कहा कि मणिपुर के ज्वलंत मुद्दे पर प्रधानमंत्री की असंवेदनशीलता और असहानुभूति कल लोकसभा में देखने को मिली। उन्होंने मणिपुर को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी सदन में मणिपुर पर बोलना चाहते थे लेकिन उन्हें अवसर नहीं दिया गया। यह अभूतपूर्व है, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि विपक्ष के नेता का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया हो यह इस देश के इतिहास में पहली बार है, जबकि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मणिपुर का उल्लेख तक नहीं किया। हाथरस हादसे पर भी शोक जताया और कहा कि हाथरस में एक हादसे में सौ से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है। हम उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताते हैं और आशा करते हैं कि जो घायल हैं, वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों। हम सभी इस दुख की घड़ी में यूपी और हाथरस के लोगों के साथ खड़े हैं।
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