आरतिया ने इनवेस्ट राजस्थान की सफलता के लिए Investment Basket & Resource Mapping का मार्ग सुझाया
इस वर्ष के आखिर में जो इनवेस्ट राजस्थान आयोजित किया जा रहा है
टीम आरतिया का कहना है कि इनवेस्ट-राजस्थान के लिए रोड़-शो आयोजन का सिलसिला गतिशील हो और इसमें प्रदेश के उन कारोबारियों-संगठनों को साथ लिया जाये जिनका देश-विदेश के निवेशकों में अच्छा कनेक्ट हो।
जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसियेशन ने मुख्यमंत्री भजनलाल को पत्र लिखकर सुझाया है कि इस वर्ष के आखिर में जो इनवेस्ट राजस्थान आयोजित किया जा रहा है। उसे सफल एवं रिजल्ट-ओरियंटेड बनाने के लिए रिसोर्स मैपिंग की जाये और इनवेस्टमेंट बास्केट क्रियेट की जाये। इस बारे में टीम आरतिया के इनवेस्टमेंट स्टडी ग्रुप की बैठक हुई थी, जिसमें विष्णु भूत, आशीष सर्राफ, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, अजय गुप्ता, ज्ञान प्रकाश, नरेश चौपड़ा, ओ पी राजपुरोहित, सज्जन सिंह, राजीव सिंहल, दिनेश गुप्ता, कैलाश शर्मा आदि उपस्थित थे।
टीम आरतिया के अनुसार राजस्थान की रिसोर्स मैपिंग की जाये, जिसके जरिये निवेशक को यह बताया जाये कि प्रदेश के किस उपखंड क्षेत्र में कितनी सरकारी जमीन निवेश के लिए प्रस्तावित या उपलब्ध है, उस उपखंड क्षेत्र में ऐसा कौन सा कच्चा माल मिनरल या कृषि जिंस या अन्य रूप में उपलब्ध है, जिसका उपयोग कर वहां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकती हो। राजस्थान सरकार के पास पर्याप्त समय है, सभी उपखंड अधिकारियों से एक माह के भीतर उनके इलाके में उपलब्ध सिवाय-चक भूमि का रिकार्ड मंगवाकर उसका सूचीकरण किया जाये। उसकी डीएलसी रेट भी इस सूचीकरण में शामिल हो। साथ ही उस इलाके में उत्पादित होने वाली कृषि जिंसों एवं मिनरल्स के विगत एक दशक के उत्पादन आंकड़े भी सूचीबद्ध किये जायें। एक तरह से प्रदेश के प्रत्येक उपखंड इलाके की रिसोर्स मैपिंग हो।
उत्पादन के अलावा सेवा क्षेत्र भी निवेष की व्यापक संभावना वाला है, जिसमें विदेशी विश्वविद्यालयों, विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा वाले ग्लोबल लेवल के अस्पताल, धार्मिक व ईको पर्यटन सुविधा क्षेत्रों, शहरों एवं ग्रामीण इलाकों में स्थानीय परिवहन, फिल्म-सिटी निर्माण, नव-तकनीकी प्रशिक्षण केंद्रों की चैन, आदि अनेक क्षेत्र शामिल हैं। इसके लिए भी राज्य के सभी उपखंड क्षेत्रों की संभाव्यता रिपोर्ट भी विशेषज्ञों के जरिये तैयार करवाई जाये, ताकि निवेशक को यह पता लग सके कि वह कहां निवेश कर सकता है। टीम आरतिया का कहना है कि सरकार छोटे एवं बड़े निवेशक के बीच कोई भेद न रखे, बल्कि सभी तरह के निवेशकों को पूरा मान मिले, यह सुनिश्चित किया जाये।
व्यापारिक एवं सामाजिक स्तर पर ऐसे हजारों लोग व संस्थाएं प्रदेश भर में मौजूद हैं, जो इस आयोजन की सफलता के लिए अपने-अपने इलाके में आधार बना सकते हैं। ये लोग न केवल भरोसेमंद हैं, अपने इलाके के लोगों और वहां के बाहर रहने वाले प्रवासियों को राजस्थान में निवेश के लिए प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही वे प्रदेश के सामाजिक ढांचे में सुधार अर्थात शिक्षा-चिकित्सा केंद्रों आदि के लिए बड़ा सहयोग भामाशाहों के जरिये दिलवा सकते हैं, इससे राजस्थान के सरकारी चिकित्सालयों, स्कूलों और कॉलेजों में कमरों व अन्य संसाधनों की आवष्यकता की बड़ी पूर्ति की जा सकती है। ऐसे लोगों को स्टेट का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया जाये। इन्हें सभी तरह का प्रशासनिक सहयोग इनवेस्ट-राजस्थान के लक्ष्यों की प्राप्ति व प्रदेश के सामाजिक ढांचे के विकास के लिए सुनिश्चित किया जाये।
टीम आरतिया का कहना है कि इनवेस्ट-राजस्थान के लिए रोड़-शो आयोजन का सिलसिला गतिशील हो और इसमें प्रदेश के उन कारोबारियों-संगठनों को साथ लिया जाये जिनका देश-विदेश के निवेशकों में अच्छा कनेक्ट हो। इसी तरह सिंगल विंडो स्कीम को प्रभावी बनाने के लिए जरूरी कि हर निवेश प्रस्ताव पर सभी क्लीयरेंस अधिकतम एक माह में सुनिष्चित हो, उद्यमी खुद कहीं नहीं जाये बल्कि उसे सभी क्लीयरेंस सुलभ कराई जाये। इसके लिए सरकार रिजल्ट-ओरियंटेड अधिकारियों को इनवेस्ट-राजस्थान की मुख्यधारा में समाहित करें।
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