सरकार ने लोको पायलटों के जीवन को रेल की पटरी से उतारा, संसद में उठाएंगे मुद्दा : राहुल
लोको पायलट की समस्याएं सुनी
राहुल ने कहा कि गर्मी से खौलते केबिन में बैठ कर लोको पायलट 16-16 घंटे काम करने को मजबूर हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार ने लोको पायलटों के जीवन की रेल को पटरी से उतार दिया है और उनके जीवन को बहुत कठिन बना दिया है इसलिए वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
गांधी दो दिन पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोको पायलटों से मिले थे और उन्होंने लोको पायलट की समस्याएं सुनी। इस दौरान लोको पायलेट्स ने उन्हें अपनी दिक्कतें बताई और कहा कि उनका जीवन बहुत कठिन हो गया है। उनसे बहुत ज्यादा काम लिया जाता है, छुट्टी नहीं दी जाती है और उन्हें पर्याप्त आराम नहीं मिलता जो रेल दुर्घटनाओं की भी एक वजह है।
गांधी के लोको पायलट से मुलाकात का वीडियो कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पर जारी किया जिसमें पायलेट अपनी समस्या गांधी को बता रहे है। कांग्रेस नेता ने उनकी समस्याएं सुनने के बाद कहा कि मोदी सरकार में लोको पायलटों का जीवन बेहद मुश्किल हो चुका है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लगातार और बिना छुट्टी के काम करने की वजह से लोको पायलटों शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। इंडिया समूह लोको पायलटों के अधिकारों और वर्किंग कंडीशंस को बेहतर किए जाने के लिए संसद तक आवाज उठाएगा। नरेंद्र मोदी की सरकार में लोको पायलटों के जीवन की रेल पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है।
उन्होंने कहा कि गर्मी से खौलते केबिन में बैठ कर लोको पायलट 16-16 घंटे काम करने को मजबूर हैं। जिनके भरोसे करोड़ों जिंदगियां चलती हैं, उनकी अपनी ज़िन्दिगी का कोई भरोसा नहीं रह गया है। यूरिनल जैसी बेसिक सुविधाओं से भी वंचित लोको पायलट्स के न काम के घंटों की कोई लिमिट है और न ही उन्हें छुट्टी मिलती है, जिसके कारण वह शारीरिक और मानसिक रूप से टूट कर बीमार हो रहे हैं। ऐसे हालात में लोको पायलटों से गाड़ी चलवाना उनकी और यात्रियों की जान को जोखिम में डालना है।
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