बिना हड्डी काटे किए एक हजार ऑपरेशन
8 बीमारियों के एक हजार ऑपरेशन किए है
सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बार फिर चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक विभाग के चिकित्सकों ने बिना हड्डी काटे 28 बीमारियों के एक हजार ऑपरेशन किए है, जो कि बड़ी उपलब्धि है।
जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बार फिर चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक विभाग के चिकित्सकों ने बिना हड्डी काटे 28 बीमारियों के एक हजार ऑपरेशन किए है, जो कि बड़ी उपलब्धि है। सामान्यता ओपन हार्ट सर्जरी में छाती की हड्डी को काटा जाता है, लेकिन सीटी सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा के नेतृत्व में मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के जरिए बिना हड्डी काटे और जांघ में चीरा लगाए ये ऑपरेशन किए हैं। डॉ. शर्मा ने दावा किया कि दुनिया में किसी भी अस्पताल में अब तक इस तकनीक से एक हजार सर्जरी नहीं हुई है और एसएमएस अस्पताल ने यह कीर्तिमान स्थापित किया है। एक हजार से अधिक वयस्कों एवं बच्चों में किए गए इन ऑपरेशन में सबसे अधिक माइट्रल वॉल्व रिप्लेसमेंट के 668 ऑपरेशन किए गए हैं और उसके बाद एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट के 212 ऑपरेशन किए हैं। बाईपास सर्जरी के अभी तक इस विधि से 26 ऑपरेशन किए गए है।
यूं रचा इतिहास
डॉ. शर्मा ने बताया कि सामान्यतया ओपन हार्ट सर्जरी छाती की हड्डी को काट कर की जाती है। अस्पताल में उनकी टीम द्वारा छाती में छोटे से चीरे यानि 5 से 8 सेमी से हार्ट की विभिन्न प्रकार की बीमारियों के आॅपरेशन किए जा रहे हैं। छाती की हड्डी काटे बिना छोटे धीरे द्वारा सर्जरी वयस्कों में तो विश्व के कई केन्द्रों पर हो रही है, लेकिन नवजात शिशुओं, बच्चों एवं वयस्कों में इस तरह की सर्जरी केवल एसएमएस में ही की जा रही है।
क्यों खास है ये तकनीक
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की सर्जरी के लिए विशिष्ट प्रकार का ऑपरेशन थिएटर, विशेष ट्रेंड स्टाफ एवं उपकरणों की आवश्यकता होती है। इस तकनीक की खास बात यह है कि ऑपरेशन में अलग से कोई खर्चा नहीं होता है।
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