दशहरे की निपटी, भुगतान की रामलीला उलझी
9 माह बाद भी नहीं हुआ आर.के. पुरम् रामलाीला का भुगतान
आयोजक लगा रहे निगम अधिकारियों के चक्कर।
कोटा। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से अक्टूबर 2023 में आयोजित दशहरा मेला और उस दौरान आयोजित रामलीला तो निपट चुकी है। लेकिन उसके 9 माह बाद अभी तक भी एक रामलीला मंडली का भुगतान तक नहीं हुआ है। नगर निगम की ओर से आयोजित दशहरा मेले के दौरान कोटा उत्तर व दक्षिण क्षेत्र में करीब आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर रामलीलाओं का मंचन किया गया। हालांकि शुरुआत में अधिकारी रामलीला आयोजन के पक्ष में नहीं थे। लेकिन पार्षदों व मेला आयोजन समिति के विरोध के चलते एनवक्त पर रामलीला मंचन की स्वीकृति जारी की गई।
अभी तक नहीं हुआ भुगतान, लगा रहे चक्कर
आदर्श नवयुवक रामलीला समिति निमोदा हरिजी दीगोद के अध्यक्ष किशन गोपाल गोचर ने बताया कि नगर निगम की ओर से दिए गए दिशानिर्देशानुसार समिति की ओर से आर.के. पुरम् में 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2023 तक रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला समाप्त हुए 9 महीने हो गए हैं। लेकिन अभी तक भी रामलीला मंचन का भुगतान निगम की ओर से नहीं किया गया है। जबकि अन्य आयोजन कर्ताओं को निगम की ओर से निर्धारित राशि 3 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोचर ने बताया कि उन्होंने जिला कलक्टर, निगम आयुक्त, मेला समिति अध्यक्ष और महापौर सभी को कई बार लिखित में पत्र दे दिए। 3 लाख रुपए के भुगतान के लिए निगम में काफी समय से चक्कर काट रहे हैं। लेकिन अधिकारी भुगतान ही नहीं कर रहे। जबकि रामलीला के कलाकार उनसे राशि की डिमांड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें निगम से राशि मिलेगी तभी तो वे कलाकारों को भुगतान करेंगे।
गणेश स्थापना 17 से पहले होगी
इधर इस साल होने वाले दशहरा मेले के लिए गणेश स्थापना 17 जुलाई से पहले होगी। 17 जुलाई को देव शयनी एकादशी है। उससे पहले मेले की गणेश स्थापना की जानी है। जिससे देव शनन के चार माह के भीतर भी मेले से संबंधित तैयारी या आयोजन किए जा सकें। निगम अधिकारियों का कहना है कि अभी तक गणेश स्थापना की तारीख तय नहीं हुई है।
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता
पिछले साल दशहरा मेला शुरु होने से पहले ही विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। दशहरा मेले की शुरुआत 15 अक्टूबर को हुई थी। लेकिन आचार संहिता 9 अक्टूबर को ही लागू हो गई थी। ऐसे में पहले जहां मेले का आयोजन मेला समिति के हाथ में था वहीं आचार संहिता लगते ही आयोजन अधिकारियों के हाथों में चला गया।
आचार संहिता में पोस्टर विमोचन का अडंगा
वार्ड 30 आर.के. पुरम् के पार्षद मोहनलाल नंदवाना का कहना है कि आयोजन समिति द्वारा उनके वार्ड में ही रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला पूरी की गई लेकिन उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। आयोजक जब उनसे मिले तो उन्होंने निगम अधिकारियों से चर्चा की। अधिकारियों का कहना है कि आयोजन समिति द्वारा विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान रामलीला शुरू होने से पहले उसका पोस्टर विमोचन कांग्रेस नेत्री से करवाया था। जिसकी शिकायत निगम में हुई है। आचार संहिता उल्लंघन करने के कारण भुगतान अटका हुआ है। पार्षद का कहना है कि जब अधिकारियों से आचार संहिता संबंधी कोई रिपोर्ट या जांच में दोषी पाए जाने की रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली जा रही है तो वे उस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं। जबकि समिति के कलाकार जरा सी राशि के लिए निगम के चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। पार्षद नंदवाना का कहना है कि पोस्टर का विमोचन आयोजन से पहले हो गया था। आयोजन स्थल पर भी नहीं हुआ था। उसके बाद भी इस तरह का बहाना बनाकर कलाकारों का भुगतान रोकना गलत है। इधर निगम अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता उल्लंघन के आरोप के कारण ही भुगतान अटका हुआ है। अभी तक उसका कोई निर्णय नहीं हुआ है। जब तक कोई निर्णय नहीं होगा भुगतान किया जाना संभव नहीं है। इसके अलावा अन्य सभी का भुगतान किया जा चुका है।
Comment List