50 से अधिक नगर पालिकाएं फिर से बन सकती हैं ग्राम पंचायतें, गहलोत सरकार का बदलेगा एक और फैसला

41 जिलों में बनी 86 नगर पालिकाओं का नए सिरे से होगा रिव्यू

50 से अधिक नगर पालिकाएं फिर से बन सकती हैं ग्राम पंचायतें, गहलोत सरकार का बदलेगा एक और फैसला

स्वायत्त शासन और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि  पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय केवल वोट बैंक के लिए पालिकाओं का गठन कर दिया गया।

जयपुर। भाजपा की भजनलाल सरकार पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार का एक और फैसला बदलने की तैयारी कर रही है। कांग्रेसराज में ग्राम पंचायतों से बनी नई नगरपालिकाओं का फिर से रिव्यू होगा अर्थात 50 से अधिक पालिकाएं फिर से ग्राम पंचायतें बन सकती हैं। इस मसले पर उच्च स्तरीय मंथन भी हो चुका है। अब सरकार के स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो इन पालिकाओं की समीक्षा करते हुए रिपोर्ट तैयार करेगी।

कब-कब बनी पालिकाएं
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने बजट 2020-21, 2021-22, 20022-23 एवं 2023-24 में घोषणा करते हुए नई नगरपालिकाओं का गठन किया। इन पालिकाओं के लिए वार्डों की संख्या जनगणना-2011 के अनुसार प्रस्तावित कर दी, लेकिन इनका परिसीमन का कार्य नहीं हो सका।

सर्वाधिक अलवर में दस और 18 जिलों में एक-एक पालिका बनी
कांग्रेस सरकार के शासन में सबसे ज्यादा पालिकाओं का गठन अलवर जिले में किया गया अर्थात दस नई पालिकाएं गठित की गई। इसके अलावा दौसा में सात, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर एवं कोटपूतली-बहरोड़ में चार-चार पालिकाएं गठित की गई, जबकि खैरथल-तिजारा एवं बारां में तीन-तीन, दूदू, नीमकाथाना, झुंझुनूं, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी, कोटा, बूंदी, नागौर, भीलवाड़ा, जोधपुर ग्रामीण, हनुमानगढ़, सलूंबर, प्रतापगढ़ व डूंगरपुर में दो-दो तथा  सीकर, डीग, भरतपुर, केकड़ी, टोंक, सांचौर, जालौर, सिरोही, पाली, जोधपुर, फलौदी, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर, बालोतरा, राजसमंद, चित्तौडगढ़ व बांसवाड़ा में एक-एक पालिका का गठन किया गया था।
आठ पालिकाओं की जनसंख्या दस हजार से भी कम: वैसे तो नगर पालिका गठन में जनगणना वर्ष 2011 की आबादी को आधार रखा गया, लेकिन आठ पालिकाएं ऐसी हैं, जिनकी आबादी दस हजार से भी कम हैं, जिसमें के आधार पर रामगढ़-पचवारा, टपूकड़ा, कोटकासिम, मण्डरायल, रायपुर, सीमलवाड़ा, आसपुर, दलोट शामिल हैं। 

स्वायत्त शासन और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि  पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय केवल वोट बैंक के लिए पालिकाओं का गठन कर दिया गया। कई जगहों से लोगों ने शिकायत की है कि हमें ग्रामीण से जबर्दस्ती शहरी क्षेत्र में डाल दिया गया। हम तो वापस ग्रामीण क्षेत्र में ही रहना चाहते हैं। ऐसे में इन सभी पालिकाओं का नए सिरे से रिव्यू किया जाएगा।

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