जानवरों की आंखें और पैरों के फिंगर प्रिंट से बन रहे फर्जी आधार कार्ड
इस तरह आधार कार्ड बनना गंभीर मामला है
प्रदेशभर में आधार केन्द्रों की जांच के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। पिछले एक साल के अंदर जितने भी आधार कार्ड बने हैं, वहां सभी मशीनों की जांच की जाएगी।
जयपुर। पाकिस्तान से सटे जिलों में फर्जी आधार कार्ड बनने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे का मुद्दा सदन में उठा। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस विधायक रतन देवासी के उठाए मुद्दे पर तीखी बहस के बाद सरकार ने जवाब दिया कि मामले की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा जा चुका है। साथ ही, राज्य सरकार सभी आधार केन्द्रों पर सघन जांच अभियान चलाएगी। देवासी ने गृह मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जानवरों की आंखों की पुतलियों के निशान लेकर और हाथों की जगह पैरों के फिंगर प्रिंट लेकर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। वहीं, 12-13 साल के बच्चों को 200 रुपए का प्रलोभन देकर उनके फिंगर प्रिंट लेकर फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। सांचौर में भी फर्जी आधार कार्ड बने हैं। कहीं के व्यक्ति का नाम, किसी की फोटो, इस तरह आधार कार्ड बनना गंभीर मामला है।
सदन में पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक
फर्जी आधार कार्ड मामले में सदन में पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंक झोंक भी हुई। निर्दलीय विधायक जीवाराम चौधरी ने कहा कि जालोर के चितलवाना में दो साल पहले कांग्रेस राज में फर्जी आधार मशीन मिली तो मशीन को ही गायब करवा दिया। सरकार बदलने के बाद कार्रवाई हुई। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि कांग्रेस सरकार उनको बचा रही थी। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि एक अखबार खबर नहीं छापता तो सरकार सोई रहती, यह सरकार की लापरवाही रही। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों के खिलाफ पूरे प्रदेश में कठोर कार्रवाई की जाए।
सीबीआई को पत्र लिख चुके: पटेल
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने मामले में जवाब देते हुए कहा कि सांचौर में फर्जी आधार कार्ड मामले में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कुछ आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच के बाद 14 आधार आॅपरेटर्स के लाइसेंस संस्पेंड कर मशीनों को डिएक्टिवेट किया गया है। फर्जी आधार कार्ड मामले में जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करते हुए केन्द्र को पत्र लिखा गया है। साथ ही, प्रदेशभर में आधार केन्द्रों की जांच के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। पिछले एक साल के अंदर जितने भी आधार कार्ड बने हैं, वहां सभी मशीनों की जांच की जाएगी।
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