दिनदहाड़े हत्या: मौके पर जुटी भीड़ की आंखें हुई नम, व्यापारियों ने स्वेच्छा से बाजार किया बंद
पुलिस ने किराएदार और उसके रिश्तदारों पर शक जताते हुए शुरू की पूछताछ
मंजू को अस्पताल लेकर गए, जहां उन्हें करीब डेढ़ घंटे पहले ही मृत होना बताया।
जयपुर। दिनदहाड़े घर में घुसकर महिला मंजू शर्मा की हत्या करने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हो गई जिसने भी इस दर्दनाक वारदात के बारे में सुना वह सन्न रह गया। मौके पर मृतका के परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। पड़ोस की रहने वाली महिलाओं ने कहा कि मंजू काफी मिलनसार थी।
उनके परिवार के सभी लोग मिलजुल कर रहने वाले थे। यही कारण रहा कि मंजू शर्मा की हत्या के बाद व्यापारियों ने स्वेच्छा से बाजार बंद कर दिया। मौके पर पुलिस जांच करती रही और भीड़ बड़ी संख्या में मौजूद रही।
किराएदारों को लेकर चर्चा
वारदात के बाद पुलिस ने जांच करना शुरू किया तो पता चला कि दौसा निवासी किराएदार और उसके रिश्तेदार वारदात के समय मौजूद थे। इन किराएदारों को लेकर चर्चा चलती रही। किसी ने कहा कि ये किरादार नशा करता है तो कोई कह रहा था कि मंजू के पति सतीश ने मकान में बड़ी रकम रख रखी थी। ऐसे में लूट करने के इरादे से वारदात की गई है। सतीश प्रॉपर्टी का काम करते हैं ऐसे में कई बार बड़ी रकम घर पर रहती है। अब पुलिस किराएदार और उसके नजदीकी लोगों से पूछताछ कर रही है।
जिसने भी सुना सिहर गया
हत्यारों ने मंजू शर्मा के शरीर पर 40 से 50 वार कर दिए। जब यह बात लोगों तक पहुंची तो वे सिहर गए। ऐसा लग रहा था कि मानो आरोपितों ने पूरा शरीर चाकुओं से गोद दिया हो। कमरे के फर्श पर खून ही खून दिख रहा था। मौके के हालातों से लग रहा था कि हत्या से पहले पीड़िता ने आरोपियों से बचने का प्रयास भी किया लेकिन एक से ज्यादा होने के कारण वह खुद को बचाने में विफल रही।
हत्या के बाद चादर से शव को ढका
जानकारी के अनुसार मच्छ की पीपली के गोनेर रोड पर सतीश की हैप्पी बुक डिपो नाम से दुकान है। सतीश इस दुकान को चलाने के साथ-साथ प्रॉपर्टी का व्यवसाय भी करते हैं। वह दोपहर 12 बजे घर से खाना खाकर वापस दुकान गए थे। इसके बाद बेटा मौसम शर्मा करीब एक बजे घर पहुंचा तो उसने देखा कि कमरे में खून फैला है और बैड के नीचे चादर से कुछ ढका है। जब चादर उठाई तो वहां मंजू शर्मा को शव खून से सना पड़ा था। हत्या करने के बाद हत्यारों ने शव को चादर से ढक दिया था। जब मौसम की चीख निकली तो पड़ोसी भागकर आए और चादर में ही लपेटकर मंजू को अस्पताल लेकर गए, जहां उन्हें करीब डेढ़ घंटे पहले ही मृत होना बताया।
कागज में गड़बड़ी से देरी से हुआ पोस्टमार्टम
जानकारी के अनुसार एसएमएस अस्पताल में जब मंजू के परिजन पोस्टमार्टम कराने पहुंचे तो वहां उन्हें परेशान होना पड़ा। खोह-नागोरियान पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए एसएमएस अधीक्षक की जगह चिकित्सा अधिकारी लिख दिया। इस पर अधीक्षक के नाम प्रार्थना पत्र मांगा गया। इस कारण पोस्टमार्टम में देरी हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया, जिससे शाम को अंतिम संस्कार किया।
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