उद्योग व्यापार और एमएसएमई को राहत की उम्मीद
उद्योग व्यापार आशान्वित हैं कि एमएसएमई को इस बजट में 43बी(एच) से राहत दी जाएगी। टीसीएस एवं टीडीएस को समाप्त किया जाएगा, जो क्रेता एवं विक्रेता दोनों के लिए प्रभावी हैं।
जयपुर। उद्योग व्यापार आशान्वित हैं कि एमएसएमई को इस बजट में 43बी(एच) से राहत दी जाएगी। टीसीएस एवं टीडीएस को समाप्त किया जाएगा, जो क्रेता एवं विक्रेता दोनों के लिए प्रभावी हैं। कर मुक्त आय को बढ़ाकर 10 लाख किया जाएगा और आयकर पर लगाए गए सरचार्ज एवं सेस हटा दिए जाएंगे, क्योंकि जीएसटी से अच्छा राजस्व प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा, सांसदों एवं विधायकों की आय पर भी आयकर लगाया जाएगा।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने फोन वार्ता के जरिये केंद्र सरकार से वांछित मांगों की समीक्षा की। उनके अनुसार, आयकर की तरह ही जीएसटी में भी किसी भी प्रकार की नोटिस, स्क्रूटनी, ऑडिट आदि से संबंधित कार्यवाही फेसलैस तरीके से ही होनी चाहिए। यह राजस्व एवं करदाता दोनों के हितों की रक्षा करेगा। जीएसटी रिपोर्ट, जीएसटी पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए।
पोस्टल में कुछ तकनीकी खामियां हैं। जब कोई जीएसटी नंबर लॉगिन करता है, तो लिंक के अभाव में संबंधित माह के रिटर्न पर जाना संभव नहीं है। हर दो-तीन महीने में जीएसटी पासवर्ड बदला जाता है। इनकम टैक्स की तरह जीएसटी का पासवर्ड भी एक साल तक एक ही रहना चाहिए। गलत पासवर्ड की सुरक्षा प्रदान करने के लिए पासवर्ड कुछ निर्दिष्ट तरीके से बनाए जाने चाहिए।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने चर्चा के दौरान कहा कि जीएसटी नोटिस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में यदि सरकार चाहती है, तो उसे इसी प्रकार के प्रावधान करने होंगे। व्यापारी को दिए जाने वाले नोटिस, जैसे कि जीएसटी ऑडिट, स्क्रूटनी, समन, आईटीसी मिसमैच, जीएसटीआर-1 एवं 3बी का मिसमैच, ब्याज के नोटिस, सर्च के नोटिस, आउटपुट टैक्स का शत प्रतिशत पेमेंट करने के नोटिस आदि, व्यापारी के लिए सिरदर्द पैदा करते हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए इन पर विवेचना आवश्यक है।
बधाई कार्ड, शादी कार्ड, अचार, पूजा की थाली, देसी घी एवं ड्राईफ्रूट्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की श्रेणी में लिया जाना चाहिए। उपभोक्ता मामलात मंत्रालय को एमआरपी से नीचे बिकने वाले माल को प्रतिबंधित करना चाहिए। घटिया माल ब्रांड के आधार पर बेचने पर कड़े नियम बनाए जाएं। बाजारों में काम कर रहे करोड़ों व्यापारियों, कर्मचारियों एवं मजदूरों को सुरक्षा प्रदान करते हुए व्यापार सुरक्षित रहे, इसके लिए नियम बनाए जाने चाहिए।
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