खुले में पढ़ाई को मजबूर नौनिहाल, सांप-बिच्छु का रहता है खतरा

कल्याणपुरा संस्कृत स्कूल भवन जर्जर

खुले में पढ़ाई को मजबूर नौनिहाल, सांप-बिच्छु का रहता है खतरा

लंबे समय से प्रधानाध्यापक सहित अन्य पद खाली।

भण्डेड़ा।  संस्कृत शिक्षा के स्कूल बदहाल हो रहे है। जिम्मेदार विभाग इस ओर ध्यान नही दे रहा। क्षेत्र के कल्याणपुरा गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल भवन बरसात के समय व्यवस्था के हाल-बेहाल हो रहे है। बरसात में कक्षा कक्षों की छत टपकती है। वही कक्षाएं स्कूल परिसर में खुले में चलती है। जो छात्र-छात्राओं को इस समय खुले में बैठने के दौरान सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीव-जन्तुओं का भी खतरा बना होता है। पर संबंधित विभाग के जिम्मेदार शाला की समस्या को दूर नहीं कर रहे है। साथ ही लंबे समय से ही जिम्मेदार शाला प्रधानाध्यापक का पद खाली है, जबकि यहां पर 8 कक्षाएं संचालित है। इस स्कूल में शालाध्यापक तीन ही कार्यरत है। नौनिहालों के अध्ययन कार्य पर भी इसका असर पड़ रहा है। शाला परिवार खतरे के साये में है। जानकारी के अनुसार कल्याणपुरा गांव में कालानला रोड़ पर स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय में सत्र-2022 से प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है। इस समय शाला में एक अध्यापिका सहित दो अध्यापक जिनके जिम्मे आठ कक्षाएं संचालित है।

क्षेत्र के कालूलाल भील और महावीर भील का कहना है कि विद्यालय में लंबे समय से प्रधानाध्यापक का पद रिक्त चलने से शाला में अव्यवस्थाएं हो रही है। यहां कक्षा कक्षों की छत की मरम्मत कार्य नहीं होने से बरसाती समय छत के टपकने से नौनिहाल बच्चों को कक्षों में बैठने की जगह तक नही मिलती है। परिसर की दीवारों में भी सीलन आ रही है। भीषण गर्मी के मौसम में शाला के कक्षों में पंखे तक बंद पड़े रहते है। जो वर्तमान में उमसभरी गर्मी के समय शाला परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छोटूलाल भील और गंगाकिशन भील ने बताया कि शाला में जिम्मेदार के अभाव में स्कूली बच्चों को परिसर में उग रही हरी घास के पास बैठकर अध्ययन करने की मजबूरी बनी हुई है। छत टपकने से कक्षा कक्षों में गिला हो जाता है, जो कक्षाएं चबूतरे व परिसर में नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करने की मजबूरी बनी हुई नजर आई है। इस बारे में जब कार्यवाहक शाला प्रधानाध्यापक से जानकारी जुटाई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय समय पर बरसात होती है, तो कक्षा कक्षों में बच्चों को बिठाने व रोकने की जगह नही मिलती है। इस हाल में छुट्टी करनी पड़ती है। या फिर शाला में रखे तो बरामदे व गेट के आसपास रखना पडता है। शिक्षार्थ जब छत नही टपकती तब बरामदे में बिठाकर शिक्षण कार्य करवाया जाता है। संबंधित विभाग द्वारा इस समस्या को गंभीरतापूर्वक नही देखने से नौनिहालों की पढ़ाई चौपट हो रहे है।  

पुराना भवन मरम्मत की दरकार
इस भवन को बने काफी लंबा समय बीत गया है। शाला में भवन का निर्माण लगभग बीस वर्ष पहले हुआ था, जो भवन की छत पर ऊपर तड़क कर उनमें गैप होने से बरसात होते ही पानी टपकना शुरू हो जाता है।  छत के साथ-साथ ही दीवारों में भी सीलन पहुंच चूकी है। जो छत की पट्टियों को भी खतरा हो सकता है। इस भवन को मरम्मत की दरकार है। जिससे शाला परिवार को भी राहत मिल सकें। विद्यालय में बिजली की व्यवस्था है पर कक्षा कक्षों की छतों पर लगे पंखे भी बन्द है। भीषण गर्मी में नौनिहाल विद्यार्थियों के हाल-बेहाल हो जाते है। मौके पर कार्यरत शालाध्यापक भी इस ओर लंबे समय से गंभीरता से नही ले रहे है।

प्रारंभिक स्तर तक विद्यालय, पर शालाध्यापकों की कमी
शाला में कक्षा एक से आठवीं तक कक्षाए संचालित है। शिक्षक तीन होने से आधी से अधिक कक्षाए खाली रहती है। कक्षाओं को समायोजित करके शिक्षण प्रक्रिया की व्यवस्था बिठानी पड़ती है। जिस रोज एक अध्यापक भी विद्यालय के काम से या अपने निजी काम से जाने पर शाला में दो ही शिक्षक रह जाते है। स्कूली बच्चों का शिक्षण-कार्य भी प्रभावित होता है। प्रारंभिक स्तर का यह विद्यालय शालाध्यापकों की कमी से जूझ रहा है। 

Read More वीटी रोड़ स्थित वीर तेजाजी महाराज मंदिर में भरा तेजा दशमी पर मेला

तिरपाल से रिकॉर्ड का बचाव
बरसाती दिनों में टपकती छत से बचाव के लिए इस विद्यालय में आवश्यक दस्तावेजों को एक बक्से में रखकर उसको तिरपाल से ढककर शाला भवन में रिकॉर्ड को बचाव का जतन कर रहा है। बारिश में टपकती छत शाला परिवार के लिए आफत बन जाती है। क्षेत्र का एकमात्र संस्कृत उच्च प्राथमिक स्तर का सरकारी विद्यालय है, जो व्यवस्था को लेकर उपेक्षित हो रहा है।

Read More सिर्फ 61 फीसदी क्षमता से काम कर रहे हैं देशभर के हाईकोर्ट

संस्कृत शिक्षा विभाग में भर्तियों के हाल
जानकारों ने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग में रीट परीक्षा के माध्यम से अंतिम बार तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती लेवल-2 वर्ष 2018 में सीधी भर्ती के माध्यम से हुई थी। अध्यापक लेवल-1 में अंतिम बार वर्ष- 2022 में सीधी भर्ती हुई थी। प्रतियोगियों को भी संस्कृत शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती का इंतजार है। 

Read More जापान दौरे पर सीएम भजनलाल, ओसाका में प्रवासी राजस्थानियों से की आत्मीय भेंट

इनका कहना है 
विद्यालय की छत मरम्मत के लिए पिछले वर्ष सीबीईओ कार्यालय में लिखित पत्र के माध्यम से सूचना देकर मांग की गई थी, पर अभी तक समस्या बनी हुई है। हमारे विभाग से भी सूचना मांगी गई थी, जो सूचना दे दी गई थी। पर अभी तक शाला की समस्या जस की तस बनी हुई है। 
- महावीर मीणा, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक राउप्रा संस्कृत विद्यालय कल्याणपुरा

जानकारी करेंगे, किस तारीख को पत्र लिखकर दिया था। इस तरह पत्र द्वारा मांग करने पर हमारे आॅफिस से भी क्षेत्र के जिन विद्यालय को जरूरत होती है। उनके नाम जिला स्तर के लिए भेजा जाता है। तारीख का पता लगाने के बाद राशि स्वीकृत क्यों नहीं हुई। उसी आधार पर वहां भी दोबारा मांग की जाएगी। 
- अनिल गोयल, सीबीईओ शिक्षा विभाग नैनवां 

कक्षा कक्षों की मरम्मत के लिए विद्यालय से लिखित में समसा विभाग को क्यों नही दिया गया। समसा विभाग को पत्र देकर एक प्रति हमारे पास भेजते, तो हम निदेशालय भी भेज देते। बजट तो एक ही जगह से आता है। यह सब बता रखा है विद्यालय वालों को यह प्रकिया क्यों नही करते है। रही बात शाला प्रधानाध्यापक की तो अभी डीपीसी हुई थी। उसमें विद्यालय रह गए है। दोबारा फिर डीपीसी होगी, उसमें यहां लगने की उम्मीद है। 
- गंगाधर मीणा, संभागीय संस्कृत शिक्षाधिकारी संस्कृत शिक्षा विभाग कोटा

Post Comment

Comment List

Latest News

Jaipur Gold & Silver Price : चांदी 2900 रुपए और सोना 1100 रुपए महंगा Jaipur Gold & Silver Price : चांदी 2900 रुपए और सोना 1100 रुपए महंगा
लगातार तेजी पर सवार सोना और चांदी शुक्रवार को फिर नई ऊंचाई पर पहुंचे। जयपुर सर्राफा बाजार में चांदी 2900...
वीटी रोड़ स्थित वीर तेजाजी महाराज मंदिर में भरा तेजा दशमी पर मेला
हेरिटेज निगम जल्द करेगा बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों का पेचवर्क कार्य 
नियमों के उल्लंघन और प्रोजेक्ट में देरी पर फर्म का ठेका निरस्त, दो निविदाएं नॉन-रेस्पॉन्सिव घोषित करते हुए अनुबंध निरस्त
कांग्रेस का आरोप- वित्त मंत्री ने जीएसटी संबंधित परेशानी बताने पर अन्नपूर्णा स्वीट्स के मालिक से मंगवाई माफी
केजरीवाल 103 दिन बाद जेल से बाहर आए, सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त दी थी जमानत
पूर्वी राजस्थान में बाढ़ के हालात, आज से राहत के आसार