हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी :कई बीमारियों को किया जा सकता है दूर... जाने क्या है हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी
हो सकता है कि आपके लिए हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी शब्द नया हो, लेकिन यह वास्तव एक पुरानी तकनीक है।
आज के समय में लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए और कई तरह ही हेल्थ प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक को अपनाते हैं।
आज के समय में लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए और कई तरह ही हेल्थ प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक को अपनाते हैं। इन्ही में से एक है हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी। इसका मुख्य उद्देश्य आपके ब्रेन को अधिक एक्टिव बनाना होता है, लेकिन इसकी मदद से आप अन्य भी कई लाभ उठा सकते हैं। हो सकता है कि आपके लिए हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी शब्द नया हो, लेकिन यह वास्तव एक पुरानी तकनीक है।
क्या है हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी
हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी एक पुरानी चिकित्सा तकनीक है, जिसका इस्तेमाल कई तरह के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। इस तकनीक में किसी दवाई या इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि हथेली व हाथों की उंगली के किसी विशेष भाग पर दबाव डाला जाता है, ताकि उस बिंदु से संबंधित शरीर का अंग सक्रिय हो जाए और समस्या कम हो जाए। इस तकनीक में तुरंत रिजल्ट नजर नहीं आता है, लेकिन बाद में मिलने वाले रिजल्ट बेहद प्रभावशाली होते हैं।
मिलने वाले लाभ
हैंड रिफ्लेक्सोलॉजी तकनीक को अगर नियमित रूप से और सही तरह से किया जाए तो कई बेहतरीन लाभ मिल सकते हैं।
. यह तकनीक आपकी याददाश्त में सुधार करती है।
. अगर आप हमेशा ही खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो आपको इस तकनीक को अपनाना चाहिए।
. यह एक ऐसी तकनीक है, जो महिलाओं में थायराइड व बांझपन की समस्या में भी लाभ पहुंचाती है।
. जिन लोगों को काम में ध्यान लगाने में समस्या होती है या काम में मन नहीं लगता है, उनके लिए भी यह तकनीक लाभदायक है।
. चिड़चिड़ापन दूर करने के लिए आप इस तकनीक को अपना सकते हैं।
ब्रेन को एक्टिव
. इसके लिए, सबसे पहले एक हाथ का अंगूठा लेकर छत की ओर सीधा रखना है।
. दूसरे हाथ की तर्जनी और अंगूठे से हमें पहले हाथ के अंगूठे को आगे.पीछे करना होता है।
. आपको लगातार प्रेस करने की जरूरत नहीं है, प्रेस और रिलीज करें फिर इसे फिर से करें।
. जितनी जल्दी हो सके दबाएं, फिर छोड़ दें।
. आपको इसे 20 सेकंड के लिए प्रेस करना है।
. उसके बाद आपको साइड से भी लगातार प्रेस करना है, इस बार गैप नहीं देना है।
इसका प्रभाव
. जब आप इस बिंदु को दबाएंगे तो आपका दिमाग सक्रिय हो जाएगा।
. आप पहले से ज्यादा एकाग्र महसूस करेंगे, अगर आप कुछ भूल गए हैं तो याददाश्त तेज चलेगी।
. सांस लेने के तरीके में सुधार होगा और साइनस में भी आराम मिलेगा।
. यह आपको अधिक एनर्जी प्रदान करेगा और आपका तनाव कम होगा।
. इसमें चिड़चिड़ापन या घबराहट कम महसूस हो सकती है। इस तकनीक के लिए आपको महज एक से डेढ़ मिनट में ही लगेंगे। आप इसे घर से लेकर ऑफिस तक में कर सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
यहां आपको यह भी ध्यान रखना है कि इस तकनीक का असर एक बार में नहीं आता। इसलिए पहली बार में ही किसी चमत्कार की उम्मीद ना करें।
इस तकनीक का रोजाना पालन करें। हो सकता है कि आपको शुरुआत में कोई बदलाव महसूस न हो,लेकिन इस तकनीक को बार-बार करने से आपका शरीर रिस्पॉन्स करना शुरू कर देगा।
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