सरकार इसी माह करेगी नए जिलों का फैसला, टीकाराम जूली ने की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग
गहलोत राज के छोटे जिलों को खत्म करने की सिफारिश करेगी
पंवार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रियों ने हर जिले पर अपनी राय दी है। जो जिले मापदंड पूरे कर रहे हैं, जहां जनसंख्या और क्षेत्रफल ज्यादा है, लोगों की सुविधा के लिए जिला बनना जरूरी है।
जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बने नए जिलों को लेकर राज्य की भजनलाल सरकार इसी माह फैसला करेगी। इन जिलों के रिव्यू के लिए बनी मंत्रियों की कमेटी ने काम लगभग पूरा कर लिया है। राज्य में सात सीटों पर होने वाले उपचुनावों के बाद यह कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार नवंबर में गहलोत राज के छोटे जिलों को खत्म करने या बरकरार रखने पर फैसला करेगी। मंत्रियों की कमेटी का भी मानना है कि मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले जिलों को मर्ज कर देना चाहिए। सूत्रों के अनुसार रिव्यू कमेटी गहलोत राज के छोटे जिलों को खत्म करने की सिफारिश करेगी। रिव्यू कमेटी में शामिल कई मंत्रियों ने पूर्व में भी इस तरह के संकेत दिए हैं। पंवार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रियों ने हर जिले पर अपनी राय दी है। जो जिले मापदंड पूरे कर रहे हैं, जहां जनसंख्या और क्षेत्रफल ज्यादा है, लोगों की सुविधा के लिए जिला बनना जरूरी है।
उन जिलों को बरकरार रखने की सिफारिश होगी। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज के दौरान बनाए गए छोटे जिलों में दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे। इन जिलों के इलाके बहुत छोटे हैं। उपखंड जितना ही इलाका है। इन्हें जिले बनाने पर विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने भी खूब सवाल उठाए थे। रिव्यू कमेटी के संयोजक पहले उप मुख्यमंत्री डॉ.प्रेमचंद बैरवा थे। बैरवा खुद ही दूदू से विधायक हैं। दूदू को जिला बनाने पर पहले भी सवाल उठे थे। रिव्यू कमेटी दूदू को मर्ज करने पर सिफारिश कर सकती है। दूदू पर फैसले से पहले बैरवा को संयोजक पद से हटाकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को इसकी जिम्मेदारी दी गई। रिव्यू कमेटी के संयोजक बदलने से इस बात के साफ संकेत मिल गए कि दूदू को मर्ज किया जा सकता है।
विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और कमेटी की रिपोर्ट सदन में रखे : जूली
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नए जिलों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। जूली ने नए जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट और ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा सदन के सामने रखने की मांग करते हुए भजनलाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जूली ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार नए जिलों की समीक्षा के नाम पर प्रदेश में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति कर रही है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए भजनलाल सरकार नए जिलों में कटौती के मंसूबे बना रही है। नए जिलों और संभागों का मुद्दा बहुत संवेदनशील है। प्रदेश के दूरगामी हितों से जुड़ा हुआ है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और सदन को विश्वास में ले। उन्होंने कहा कि पूर्व आईएएस ललित के पंवार की रिपोर्ट विधानसभा सदन में रखें। मंत्रियों की सब कमेटी भी अपनी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे। इन दोनों रिपोर्ट पर सदन में खुली चर्चा हो। इसके बाद ही नए जिलों और संभागों पर फैसला हो। जूली ने कहा कि भजनलाल सरकार इस कदर पूर्वाग्रह से ग्रस्त है कि मंत्रियों की सब कमेटी का संयोजक पहले तो उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया। बाद में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को बना दिया गया।
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