सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : नामांकन-पत्र में करना होगा अपराध केे मामलों का खुलासा, कहा- ऐसी जानकारी छुपाना मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन
उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि रद्द की गई सजा भी बताना जरूरी है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी पारदर्शिता पर बड़ा फैसला देते हुए कहा है कि हर उम्मीदवार को नामांकन पत्र में अपनी सभी पुरानी दोषसिद्धियों का खुलासा करना अनिवार्य होगा, चाहे अपराध का मामला छोटा हो या बाद में ऊपरी अदालत ने सजा रद्द ही क्यों न कर दी हो। अदालत ने कहा कि ऐसी जानकारी छुपाना मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन है और इससे उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो सकता है।
फैसले का असर मध्य प्रदेश के भीकनगांव में देखने को मिला, जहां नगर पार्षद की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई। उन पर चेक बाउंस (धारा 138) मामले में ट्रायल कोर्ट ने सजा दी थी, जिसे बाद में हाई कोर्ट ने पलट दिया था। उन्होंने इसे नामांकन में नहीं बताया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि रद्द की गई सजा भी बताना जरूरी है।
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