उड़ता पंजाब : कभी थी राज्य की शान, नशे के लिए पूर्व महिला खिलाड़ी ने बेटे को बेचा, फिर पहुंची थाने
फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गई है
यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के खिलाफ सरकार की मुहिम सिर्फ कागजों और फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गई है।
चंडीगढ़। पंजाब में नशीले पदार्थों के ़खिलाफ चल रही सरकारी मुहिम के दौरान मानसा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। राज्य की एक महिला खिलाड़ी, जो कभी मैदानों में पंजाब का गौरव थी, नशे की गिरफ्त में आकर अपने ही बेटे को मात्र एक लाख 80 हज़ार रुपए में बेच दिया। पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने शनिवार को इस घटना पर आम आदमी पार्टी सरकार को घेरते हुए कहा कि जब एक मां, जो कभी राज्य की शान रही हो, नशे की लत के कारण अपने पुत्र को बेचने पर मजबूर हो जाए, तो यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के खिलाफ सरकार की मुहिम सिर्फ कागजों और फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गई है।
खिलाड़ी नशे की आदी हो चुकी थी
शर्मा ने बताया कि यह महिला खिलाड़ी नशे की आदी हो चुकी थी और आर्थिक तंगी के कारण उसने यह भयावह कदम उठाया। ढाई महीने बाद जब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उसके मातृत्व के जज्बात जाग उठे और उसने अपने बेटे को वापस लेने के लिए बरेटा थाने में अर्जी दी, जिसके बाद यह मामला उजागर हुआ।
हर गांव-शहर तक पहुंचा नशे का कारोबार: शर्मा
शर्मा ने कहा कि नशीले पदार्थों का व्यापार अब हर गांव और शहर तक पहुंच चुका है, लेकिन सरकार की नीति केवल विज्ञापनों और झूठे दावों में उलझी हुई है। उन्होंने मांग की कि सरकार केवल बयानबाज़ी न करे, बल्कि नशे के आदी लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की संख्या बढ़ाए और खिलाड़ियों के लिए विशेष पुनर्जीवन योजनाएं लागू करे। उन्होंने कहा कि यदि खिलाड़ी ही नष्ट होने लगें, तो राज्य का भविष्य ख़तरे में पड़ जाएगा।

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