ट्रंप के परमाणु हथियारों के परीक्षण संबंधी बयान की हो रही आलोचना : अमेरिका दुनिया में परमाणु प्रसार का सबसे बड़ा खतरा, ईरान ने कहा- यह अंतराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
यह अंतराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने की घोषणा पर वैश्विक आलोचना हुई है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और विश्व शांति के लिए खतरा बताया। ट्रंप ने रक्षा विभाग को परीक्षण का आदेश दिया है। रूस ने चेतावनी दी कि अमेरिका ऐसा करता है तो वह भी जवाबी परीक्षण करेगा।
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने की घोषणा पर दुनिया से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। इसे एक भड़काऊ और दुनिया को फिर से परमाणु की दौड़ में धकेल देने वाले बयान के रूप में देखा जा रहा है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर ट्रंप के बयान की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अपने रक्षा विभाग का नाम बदलकर युद्ध विभाग रखने वाला परमाणु हथियारों से लैस दबंग देश खुद परमाणु हथियारों का परीक्षण करने जा रहा है। यही दबंग देश ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को बदनाम कर रहा है और हमारे सुरक्षित परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की धमकी दे रहा है। अराघची ने कहा कि यह अंतराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है।
ईरान के विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि अमेरिका दुनिया में परमाणु प्रसार का सबसे बड़ा खतरा है। ट्रंप ने दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन से इतर चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि उन्होंने अमेरिका के रक्षा विभाग को परमाणु हथियारों के परीक्षण का आदेश दिया है। देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण, मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि वे हमारे परमाणु हथियारों का समान परीक्षण शुरू करें।
रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रूस ने हाल में कोई परीक्षण नहीं किया है, लेकिन अगर अमेरिका ऐसा करता है तो रूस भी परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू कर देगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि मैं राष्ट्रपति पुतिन के उस बयान को याद दिलाना चाहता हूँ, जो कई बार दोहराया गया है, अगर कोई प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो रूस उसके अनुसार कार्रवाई करेगा।

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