संसद में वंदे मातरम पर चर्चा : अशोक गहलोत का केन्द्र सरकार पर हमला, कहा- साफ हवा की जगह वंदे मातरम पर चर्चा का सहारा ले रही सरकार
यमुना का काला पानी चीख-चीख कर गवाही दे रहा
संसद में वंदे मातरम पर चर्चा के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने के केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। गहलोत ने कहा है कि जब राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि स्वस्थ इंसान बीमार पड़ रहा है, बच्चे और बुजुर्ग सांसों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तब संसद की प्राथमिकता 'साफ हवा' पर चर्चा होनी चाहिए थी।
जयपुर। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने के केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। गहलोत ने कहा है कि जब राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि स्वस्थ इंसान बीमार पड़ रहा है, बच्चे और बुजुर्ग सांसों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तब संसद की प्राथमिकता 'साफ हवा' पर चर्चा होनी चाहिए थी। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपनी विफलताओं से घिरा भाजपा-आरएसएस नेतृत्व मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए 'वंदे मातरम्' का सहारा ले रहा है।
मोदी सरकार की विडंबना देखिए, वे जिस 'वंदे मातरम्' पर भाषण दे रहे हैं, उस गीत की आत्मा 'सुजलाम, सुफलाम, मलयज शीतलाम' (पवित्र जल और शीतल हवा) में बसती है। आज दिल्ली का दम घोंटू प्रदूषण और यमुना का काला पानी चीख-चीख कर गवाही दे रहा है कि सरकार को राष्ट्रगीत के 'मर्म' से नहीं, सिर्फ उस पर होने वाली 'राजनीति' से मतलब है। राष्ट्रगीत का दिखावटी सम्मान करने वाली एनडीए सरकार ने काश उस भावना के अनुरूप काम किया होता जिसका वर्णन इस गीत में है, तो आज लाखों लोगों की सांसों में यह जहर नहीं घुलता।

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