ई-रिक्शा फिटनेस और लाइसेंस पर ढिलाई से नहीं मिल रही राहत, बढ़ रही जाम की समस्या
निलंबन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है
ई-रिक्शा रिकॉर्ड में मोबाइल नम्बर गलत या अनुपस्थित हैं। वाहन पोर्टल में यह फील्ड अनिवार्य होने से आरसी निलंबन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है।
जयपुर। शहर में ई-रिक्शाओं के चलते जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर परकोटे क्षेत्र में हालात बेहद खराब हैं। ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में ई-रिक्शा के जोन वाइज संचालन का निर्णय लिया गया था, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद भी यह व्यवस्था धरातल पर नहीं उतर सकी। जयपुर में करीब 43 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, जिनमें से 20 हजार से अधिक की फिटनेस अवधि समाप्त हो चुकी है। परिवहन विभाग इनकी आरसी निलंबित करने की तैयारी में है, लेकिन मोबाइल नम्बर की तकनीकी अड़चन बड़ी बाधा बन गई है। दरअसल, आरसी निलंबन के इन्वार्ड प्रोसेस में वाहन मालिक का मोबाइल नम्बर दर्ज होना जरूरी है, जबकि ज्यादातर ई-रिक्शा रिकॉर्ड में मोबाइल नम्बर गलत या अनुपस्थित हैं। वाहन पोर्टल में यह फील्ड अनिवार्य होने से आरसी निलंबन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है।
विभाग ने किए नोटिस जारी
विभाग ने फिटनेस समाप्त होने पर नोटिस जारी किए हैं, लेकिन मोबाइल नम्बर न होने से नोटिस की डिलीवरी भी अधूरी रह जाती है। नतीजा यह है कि बिना फिटनेस वाले हजारों ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं और ट्रैफिक व्यवस्था खराब हो रही हैं। पिछले दिनों परकोटे क्षेत्र में की गई कार्रवाई में रोजाना 50 से अधिक ई-रिक्शा जब्त किए गए, मगर चालान और जुर्माने के बाद उन्हें फिर से छोड़ दिया गया। इससे कार्रवाई का असर नगण्य रह गया। वहीं, चौंकाने वाली बात यह है कि करीब 90 फीसदी ई-रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। लगातार कार्रवाई और अधिसूचनाओं के बावजूद न तो फिटनेस सुधर रही है और न ही जोन वाइज संचालन शुरू हो पा रहा है। नतीजा यह है कि जयपुर की सड़कें आज भी ई-रिक्शा जाम के जंजाल में उलझी हुई हैं।

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