एटीएस का शिकंजा : अफगानिस्तान के आतंकी संगठन से जुड़कर कट्टरवाद फैलाने वाला मौलाना गिरफ्तार, चार दिन पहले पूछताछ के लिए जयपुर लाया गया था
चार मौलानाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ा रहा था
आतंकवादी निरोधक दस्ता ने अफगानिस्तान के आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े मौलाना को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने इसे यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। इनके अलावा गिरफ्तार किए चार जनों को रेडिक्लाइज किया जाएगा। एटीएस की टीम की ओर से इसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। एटीएस की टीम ने उसे अफगानिस्तान भागने से पहले ही पकड़ लिया। वह दुबई होकर अफगानिस्तान भागने की फिराक में था।
जयपुर। आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बुधवार को अफगानिस्तान के आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े मौलाना को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने इसे यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। इनके अलावा गिरफ्तार किए चार जनों को रेडिक्लाइज किया जाएगा। एटीएस की टीम की ओर से इसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। एटीएस की टीम ने उसे अफगानिस्तान भागने से पहले ही पकड़ लिया। वह दुबई होकर अफगानिस्तान भागने की फिराक में था। गिरफ्तार आरोपी ओसामा पुत्र मोहम्मद अनवर (मौलाना) मूलत: बाड़मेर का रहने वाला है और हाल में इमाम नूर मोहम्मद मोहर्रम चौक सांचौर का रहने वाला है। यह लम्बे समय से यहां पर कट्टरवाद फैला रहा था।
क्या होता है डी रेडिकलाइज
यदि कोई व्यक्ति कट्टरवाद की तरफ बढ़ता है तो उसे दूर करने की प्रक्रिया को डीरेडिकलाइज कहा जाता है। एटीएस ने एक टीम बना रखी है, जिसमें एटीएस के साथ-साथ उदारपंथी लोग, धर्म की व्याख्या करने वाले समुचित लोग और समाज के कुछ गणमान्य शामिल होते हैं। ये लोग रेडिकलाइज व्यक्ति की काउंसलिंग करते हैं। उसको कट्टरवाद से दूर करने का प्रयास करते हैं और सही दिशा की ओर ले जाते हैं और एटीएस की फील्ड की टीम लगातार निगरानी रखती हैं और समय-समय पर फिर यहां कमेटी के सामने लाकर उसकी विचारधारा की परख होती है। ऐसे व्यक्ति का रिकॉर्ड रखा जाता है। मौलाना ओसाना इन चार मौलानाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ा रहा था।
पूर्व में रही है नजर
2015 में एटीएस ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़े आईओसीएल के प्रबंधक सिराजुद्दीन को जयपुर से गिरफ्तार किया था। 2016-17 में भी आईएसआईएस को टेरर फंडिंग करने वाले जमील अहमद को फतेहपुर सीकर से गिरफ्तार किया था। इसी तरह पिछले दस साल में कई आतंकवादी पकड़े गए।
क्या होती है यूएपीए एक्ट
पहला जो लोग आतंकवादी संगठन से जुड़कर उन्हें रुपए पहुंचाते हैं या उनके क्रियाकलापों में सहयोग करते हैं। दूसरा जो लोग कट्टरवाद फैलाकर विध्वंसक गतिविधियां करना चाहते हैं। उनके खिलाफ विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम 1967 (यूएपीए) यह एक्ट लगाया जाता है। इस संबंध में दर्ज मुकदमे की सूचना केन्द्र सरकार को जाती है। ऐसे में यदि केन्द्र सरकार चाहे तो इन केस की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंप सकती है।
आतंकवादी विचारधारा से जुड़कर उनका प्रति सहानुभूति रखने वाले या सहयोग करने वाले तत्वों पर एटीएस कड़ी नजर रखे हुए है। किसी भी नागरिक को यदि अपने आसपास कोई व्यक्ति इस तरह का संदिग्ध व्यक्ति दिखे जो कट्टरवाद या जेहादवाद या आतंकवाद की विचारधारा से जुड़ता दिखे तो तुरंत एटीएस को सूचित करें।
विकास कुमार, आईजी एटीएस राजस्थानु

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