सूफियाना संगीत की मिठास से सराबोर हुआ रंगायन, ‘दमा दम मस्त कलंदर...’, ‘सांसों की माला...’ जैसे नगमों से सजी सुरों की महफिल
एक से बढ़कर एक गीत गूंजते रहे
जेकेके के रंगायन सभागार में शाम सूफियाना नगमों के रंगों से सजी।
जयपुर। जेकेके के रंगायन सभागार में शाम सूफियाना नगमों के रंगों से सजी। सूफी नाइट के तहत मशहूर गायिका ममता जोशी एवं समूह के कलाकरों ने अपनी जादुई आवाज और संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जोशी ने कार्यक्रम की शुरुआत कबीर के पद भला हो मेरी गगरी फूटी... से की। इस गीत ने पूरे सभागार को भक्ति और आत्ममंथन की गहराई से जोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कई गीत और गजलों की प्रस्तुति से माहौल सूफियाना कर दिया।
सूफी संगीत की श्रृंखला आगे बढ़ी और एक से बढ़कर एक गीत गूंजते रहे। उन्होंने लाली ‘मेरे लाल की..’, ‘पिया घर आया..’, ‘दमादम मस्त कलंदर..’, ‘सांसो की माला पे...’, ‘आज रंग है...’, ‘आ जा वे माहीं..’, और ‘जुगनी...’ जैसे लोकप्रिय नगमों से श्रोताओं को संगीत की महफिल का रमणीय अनुभव कराया। हर गीत के बाद दर्शकों की तालियों से सभागार गूंज उठा और माहौल में उत्साह भर गया।

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