नौ करोड़ का सर्किल, फव्वारे अब तक नहीं चले, न अधिकारी ध्यान दे रहे न संवेदक

सीएडी सर्किल का सौन्दर्यीकरण के बाद नहीं किया ओएंडएम

नौ करोड़ का सर्किल, फव्वारे अब तक नहीं चले, न अधिकारी ध्यान दे रहे न संवेदक

करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी चौराहे के फव्वारों का आकर्षण लोगों को देखने को नहीं मिल रहा है।

कोटा। कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में चौराहों का विकास व सौन्दर्यीकरण तो करवा दिया गया है। लेकिन उनकी सही ढंग से न तो देखभाल हो रही है और न ही मरम्मत। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है सीएडी सर्किल। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में शहर के अधिकतर चौराहों का विकास व सौन्दर्यीकरण कराया गया था। उसी के तहत सीएडी सर्किल का भी विकास कराया गया। यहां करीब 9 करोड़ रुपए की लागत से कीर्ति
स्तम्भ का निर्माण कराया गया। शहर के बीच और नए कोटा क्षेत्र के इस प्रमुख पर निर्माण के लिए आकर्षक लाइटिंग की गई थी। चौराहे के आकर्षण को बढ़ाने के लिए और दशहरा मैदान के नजदीक होने से मेले के दौरान यहां आने वालों के आकर्षण को देखते हुए चौराहे पर फव्वारे भी लगाए गए। लेकिन हालत यह है कि चौराहे की लाइटिंग तो फिर भी जल रही है लेकिन फव्वारे तो लगने के बाद से ही नहीं चले।  जानकारों के अनुसार केडीए की ओर से अधिकतर विकास कार्यों को करवाते समय उनका ओएंडएम किया गया था। जिससे निर्माण के बाद उस कार्य का संवेदक फर्म द्वारा निर्धारित अवधि दो या 5 साल तक रखरखाव व मरम्मत का कार्य किया जाएगा। लेकिन सीएडी सर्किल का तो ओएंड एम तक नहीं किया गया। जिससे न तो केडीए अधिकारी और न ही संवेदक द्वारा इस चौराहे की देखभाल व रखरखाव किया जा रहा है। जिससे नतीजे के नाम पर यहां लगने के बाद से अभी तक फव्वारे बंद ही पड़े है। लोगों का कहना है कि उन्होंने एक बार भी यहां फव्वारे चलते हुए नहीं देखे। 

एक दृूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
चौराहे के फव्वारों के बारे में जब केडीए अधिकारियों से जानना चाहा तो उच्च अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ  पर और अधीनस्थों ने संवेदक फर्म पर जिम्मेदारी डाल दी। अधिकारियों का कहना है कि चौराहे का काम सिविल के संवेदक द्वारा किया गया है। उसी की जिम्मेदारी है चौराहे की देखभाल व रखरखाव की। वहीं सूत्रों का कहना  है कि इस चौराहे का ओएंडएम ही नहीं किया गया है तो संवेदक की जिम्मेदारी काम पूरा होने के बाद खत्म हो गई है।  अधिकारियों व संवेदक के बीच समंवय के अभाव में जनता के करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी चौराहे के फव्वारों का आकर्षण लोगों को देखने को नहीं मिल रहा है। 

फव्वारोें का अलग से ठेका करने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार सीएडी सर्किल समेत शहर में केडीए के अधीन आने वाले सभी फव्वारों की मरम्मत व रखरखाव के लिए अलग से टेंडर व ठेका करने की तैयारी की जा रही है। जिस  पर फिर से लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे।  

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