थेगड़ा से नांता तक दुर्गंध फैला रहे डम्पर, रास्ते में कई जगह सड़क पर गिर रहा कचरा

डम्परों में बिना ढके हो रहा कचरे का परिवहन

थेगड़ा से नांता तक दुर्गंध फैला रहे डम्पर, रास्ते में कई जगह सड़क पर गिर रहा कचरा

लगातार भारी बारिश से पूरा कचरा गीला हो गया जिसे निगम के डम्परों से ट्रेचिंग ग्राउंड बिना ढके पहुंचाया जा रहा है।

कोटा।  शहर को एक तरफ तो गंदगी व कचरे से मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के कर्मचारी ही शहर में गंदगी व दुर्गंध फेला रहे है। वह भी थेगड़ा स्थित ट्रांसफर स्टेशन से नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड तक। नगर निगम कोटा उत्तर का कचरा ट्रांसफर स्टेशन शिवपुरी धाम के पास थेगड़ा में बना हुआ है। जहां घर-घर कचरा संग्रहण में लगे टिपर व ट्रेक्टर ट्रॉलियों से क्षेत्र का कचरा यहां लाकर डाला जा रहा है। उसके बाद उस कचरे को जेसीबी की सहायता से डम्परों में भरकर नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया जा रहा है। हालत यह है कि शहर में पिछले दो दिन तक लगातार भारी बारिश हुई। जिससे पूरा कचरा गीला हो गया। ऐसे में निगम के डम्परों से उस गीले कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया जा रहा है वह भी बिना ढके हुए। जबकि नियमानुसार कचरे की चाहे ट्रेक्टर ट्रॉली हो या डम्पर उसे तिरपाल से ढककर ही ले जाने का प्रावधान है। जिससे न तो उनका कचरा सड़क पर बिखरे और न ही उसकी दुर्गंध का लोगों को सामना करना पड़े। लेकिन हालत यह है कि पिछले कई दिन से निगम के डम्परों में थेगड़ा से नांता ट्रेचिंग ग्राउंड तक बिना तिरपाल ढके ही कचरे का परिवहन किया जा रहा है। जिससे पूरे रास्ते में उस  गीले कचरे की दुर्गंध फेल रही है। साथ ही कचरा ओवर लोड होने से सड़क पर बिखरता जा रहा है। जिससे उस डम्पर के पीछे व साइड से गुजर रहे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वाहन चालकों का कहना है कि इस तरह से  बिना ढके कचरा ले जाना गलत है। इससे लोगों को दुर्गंध का सामना करने के साथ ही गंदगी उन पर  गिरने का खतरा बना हुआ है। निगम को चाहिए कि वह कचरे को ढककर ही परिवहन करे। गौरतलब है कि  नगर निगम कोटा उत्तर में आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन शुरु नहीं होने से कचरे का  बंद कंटेनरों में हाइजनिक तरीके से परिवहन नहीं हो पा रहा है। जिसका खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है। कोटा उत्तर में स्टेशन रोड खेड़ली फाटक व उम्मेदगंज में ट्रांसफर स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं लेकिन उन्हें शुरु नहीं किया जा रहा है। जबकि कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशनों से बंद कंटेनरों में ही कचरे का परिवहन होने से पता ही नहीं चलता कि उनमें कचरा जा रहा है। इधर नगर निगम कोटा उत्तर के स्वास्थ्य अधिकारी मोतीलाल चौधरी का कहना है कि ट्रांसफर स्टेशन के कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि डम्परों में कचरे का परिवहन तिरपाल ढककर ही किया जाएगा। बिना ढके कचरा नहीं ले जा सकते है।  यदि थेगड़ा से बिना तिरपाल ढके कचरे का परिवहन हो रहा है तो वह गलत है। इस संबंध में संबंधित को फिर से पाबंद किया जाएगा। जिससे भविष्य में ऐसा नहीं हो सके। 

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