43 करोड़ तो वसूल नहीं कर पाए अब 33 करोड़ का और दे दिया टारगेट, सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपए बकाया, कैसे होगा टारगेट पूरा ?
वित्तीय वर्ष 2025-26 : पानी का पुराना और नया बकाया बिल वसूली का लक्ष्य
इस बार जलदाय विभाग को मिला 78.11 करोड़ का टारगेट।
कोटा। जलदाय विभाग को इस बार राजस्व वसूली के लिए 78.11 करोड़ रुपए का टारगेट मिला है, जिसे पूरा करना अधिकारियों के लिए चुनौती बन गई। गत वर्ष भी 43 करोड़ रुपए की वसूली बकाया रह गई थी। ऐसे में नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के टारगेट में 33.11 करोड़ रुपए और जोड़ दिए गए। अब पुराने और नए बकाया बिलों की राशि को मिलाकर कुल 78 करोड़ 11 लाख रुपए का राजस्व विभाग को वसूलना है, जो अधिकारियों के लिए गले की फांस बना हुआ है। क्योंकि, एक तरफ विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ सरकारी विभाग ही वसूली की राह में रोड़ा बने हुए हैं। वर्तमान में सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपए की राशि बकाया चल रही है। जिसकी वजह से हर साल जलदाय विभाग का अधूरा रह जाता है।
वसूली के दौरान मिलती है धमकियां
नाम न छापने की शर्त पर एईएन ने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों में बकाया वसूली कर रहे हैं। हर दो माह में घरों पर पानी के बिल भेजे जाते हैं लेकिन लोग महीनों तक जमा नहीं करवाते। जब बकाया बिल वसूलने के लिए कर्मचारी घरों पर जाते हैं तो उन्हें धमकियां दी जाती है। अपशब्द कहकर अपमानित किया जाता है। गत वर्ष भी इस तरह की घटना हो चुकी है।
दो सरकारी विभागों पर तीन साल से 11 करोड़ बकाया
सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा बकाया नगर निगम कोटा दक्षिण और केडीए पर है। मात्र इन दो विभाग पर ही 11 करोड़ रुपए से ज्यादा पानी का बिल बकाया चल रहा है। जिसे पिछले 3 सालों से जमा नहीं करवाया गया। हालांकि, जल अफसरों द्वारा नोटिस, रिमाइंडर भी दे चुके हैं, इसके बावजूद बिल जमा नहीं करवाया। इस तरह अन्य सरकारी विभागों पर भी करोड़ों पर रुपए बकाया चल रहा है। ऐसे में सरकारी विभाग अपना बकाया बिल राशि जमा करवा दे तो जलदाय विभाग का 90% से ज्यादा टारगेट पूरा हो सकता है।
नगर निगम दक्षिण पर 7.60 करोड़ बकाया
जलदाय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम कोटा दक्षिण पर 7 करोड़ 60 लाख रुपए पानी का बिल बकाया चल रहा है। यह राशि पिछले तीन सालों से बकाया है। गत वर्ष 19 नवम्बर को निगम आयुक्त को नोटिस दिया था। इसके बाद रिमाइंडर भी भेजे गए। लेकिन, निगम द्वारा जल राजस्व जमा नहीं करवाया। जिससे सरकार द्वारा जलदाय विभाग को दिए गए राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम ने अपने कार्यक्षेत्र अधीन विभिन्न स्थानों पर कनेक्शन ले रखे हैं, जहां उपभोग हुए पानी का बिल लंबे समय से बकाया चल रहा है।
केडीए ने नहीं भरा 3.50 करोड़ का बिल
कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) पर 3 करोड़ 50 लाख रुपए का बिल बकाया चल रहा है। जिसे जमा करवाने के लिए जल अधिकारियों ने गत वर्ष तत्कालीन केडीए सचिव को बकाया राशि जमा करवाने के नोटिस दिए थे। इसके बावजूद विभाग द्वारा अब तक जल शुल्क जमा नहीं करवाया गया। जबकि, केडीए के अधीन श्रीनाथपुरम स्टेडियम पर 5.79 लाख, यूआईटी कॉलोनी प्रताप नगर का 9.41 लाख तथा सीएडी रोड स्थित फ्वारा सर्किल का 5.92 लाख रुपए सहित अन्य केडीए अधीन कार्यक्षेत्रों पर लाखों रुपयों का बिल बकाया चल रहा है।
इन विभागोें पर भी लाखों का बिल बकाया
सरकारी विभागों पर लाखों-करोड़ों रुपए जल शुल्क राशि बकाया चल रही है। विभाग द्वारा बकाया जमा नहीं करवाने से जल विभाग हर साल अपना टारगेट पूरा नहीं कर पाता। सरकारी विभागों में बीएसएनएल, पोस्ट आॅफिस, कृषि विभाग, सरकारी अस्पताल, पुलिस थाने सहित कई विभागों पर लाखों का बिल बकाया है।
वसूली लक्ष्य पूरा करने के कर रहे प्रयास
सरकार से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो राजस्व वसूली लक्ष्य मिला है, उसे शत-प्रतिशत पूरा करने के प्रयास कर रहे हैं। कर्मचारियों की कमी है। वर्तमान में जो साधन-संसाधन उपलब्ध हैं, उनका पूरा उपयोग कर राजस्व वसूली की जा रही है। वहीं, जिन सरकारी विभागों पर बकाया चल रहा है, उन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं। साथ ही आपसी समन्वय व वार्तालाप के माध्यम से भी बकाया जमा करवाने की कोशिश की जा रही है।
- जीवनधर राठौर, एक्सईएन जलदाय विभाग खंड प्रथम

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