विश्वनाथ मंदिर के एक भाग में बनी है मस्जिद: करात

1947 में जो भी उपासना स्थल जिस धर्म का था, वह उसी धर्म का रहेगा

विश्वनाथ मंदिर के एक भाग में बनी है मस्जिद: करात

1991 कानून: किसी भी उपासना स्थल को तोड़ना गैर कानूनी

 जयपुर। माकपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने कहा है कि औरंगजेब के समय बाबा विश्वनाथ के मंदिर के एक भाग को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। इसलिए मस्जिद की खुदाई करने पर हिन्दू धर्म के प्रतीक चिन्ह मिल रहे हैं। वर्ष 1991 में संसद ने कानून बनाया था कि 1947 में जिस भी धर्म के उपासना स्थल है, वे आगे भी उसी धर्म के उपासना स्थल रहेंगे। ऐसे में अब विवाद करना ठीक नहीं है। कानून के अनुसार उपासना स्थल को लेकर विभिन्न तरह के दावे, बहस और आरोप-प्रत्यारोप कानून के खिलाफ है। करात ने रविवार को दैनिक नवज्योति संवाददाता से अनेक विषयों पर बातचीत की।

    नवज्योति: देश में वामपंथी पार्टियों की स्थिति बेहद कमजोर हो गई है। क्या भविष्य में सभी वामदलों का एक दल में विलय या वामपंथी पार्टियां नया दल बना सकती हैं।
    करात: यह सही है कि वामपंथी पार्टियों की स्थिति कमजोर हुई है, लेकिन अब सभी वामपंथी पार्टियां संयुक्त रूप से काम करेंगे तो अच्छा तालमेल होगा। रही बात आपस में विलय की तो बातचीत सही रही, कॉमन बाते आगे बढ़ती है तो कालांतर में विलय भी असम्भव नहीं है पर इसके लिए आपस में तालमेल व नीति पर एकरुपता होनी चाहिए।
    नवज्योति: बंगाल विधानसभा में जीरो पर आउट हो गए, पार्टी का आधार ही सिकुड़ गया। आगे क्या रणनीति है।
    करात: यह सही है कि जीरो पर आउट हुए, लेकिन अभी हुए कोलकाता निकाय चुनाव और विधानसभा के उपचुनावों में पार्टी ने अपनी स्थिति मजबूत की है। विधानसभा चुनाव में पार्टी तीसरे नंबर पर आ गई थी, लेकिन अब दूसरे नम्बर पर पहुंची है।
    नवज्योति: एक जमाने में युवा पैशन से वामपंथी पार्टियों के साथ जुड़ता था, लेकिन आज उनका कम्युनिस्ट पार्टियों से मोहभंग हो गया।
    करात: आज का युवा जॉब ऑरिएंटेड है। वह विद्यार्थी जीवन में कैंपस में सक्रिय होने के बजाय पढ़ाई करके नौकरी चाहता है। दूसरा बड़ा कारण निजी क्षेत्रों के विश्वविद्यालय व कॉलेजों में छात्र संगठनों पर बैन है। वे ना तो चुनाव कराते हैं और ना ही छात्र संगठनों को सक्रिय रहने देते हैं।

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