दूसरे फेज में कांग्रेस आलाकमान के फैसलों की परीक्षा, दाव पर दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा
फैसलों पर भी इस चुनाव के जरिए निर्णय होगा
भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन को लेकर अशोक गहलोत और दिल्ली के नेताओं ने काफी प्रयास किए हैं। ऐसे में इस सीट के परिणाम यह तय करेंगे की पार्टी का गठबंधन का स्टैंड सही या गलत था।
जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज की 13 सीटों पर जारी मतदान के बीच कांग्रेस आलाकमान के फैसलों की भी परीक्षा होगी। भीलवाड़ा और डूंगरपुर-बांसवाडा जैसी सीटों पर लिए फैसलों पर भी इस चुनाव के जरिए निर्णय होगा। कांग्रेस आलाकमान ने भीलवाड़ा में प्रत्याशी दामोदर गुर्जर को राजसमंद भेजकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को यंहा से मैदान में उतारा है। जोशी अनुभवी नेता और इस क्षेत्र में पकड़ रखते हैं। उनका मुकाबला मेवाड़ राजघराने की सदस्य भाजपा की महिमा सिंह से है। परिणामों से इस फैसले पर निर्णय सामने आएगा। वंही डूंगरपुर-बांसवाडा सीट पर एनवक्त हुए गठबंधन का फैसला भी कांग्रेस आलाकमान के लिए अहम रहा। इस सीट पर कांग्रेस ने भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत को समर्थन दिया है।
भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन को लेकर अशोक गहलोत और दिल्ली के नेताओं ने काफी प्रयास किए हैं। ऐसे में इस सीट के परिणाम यह तय करेंगे की पार्टी का गठबंधन का स्टैंड सही या गलत था। भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मैदान में उतारा है, जिनके लिए गोविंद सिंह डोटासरा ने खुलकर कहा था कि वे लोकसभा नहीं पहुंच पाएंगे। अन्य सीटों पर राजस्थान के स्थानीय दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दाव पर बनी हुई है। टोंक-सवाईमाधोपुर में कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट, जालोर-सिरोही में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अजमेर में पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा, पाली में अशोक गहलोत, जोधपुर में गहलोत और पायलट, बाडमेर में डोटासरा, उदयपुर में अशोक गहलोत, चित्तौड़गढ़ और कोटा में गहलोत-डोटासरा और झालावाड में गहलोत और प्रमोद जैन भाया की प्रतिष्ठा दावं पर है।
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