मजबूत होकर उभरे राजनीति के चाणक्य अशोक गहलोत
हलोत ने विरोधियों को अपना लोहा मनवा दिया
प्रदेश में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में तीन सीटों पर जीत प्राप्त कर राजनीति के चाणक्य तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अधिक मजबूत होकर उभरे हैं।
जयपुर। प्रदेश में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में तीन सीटों पर जीत प्राप्त कर राजनीति के चाणक्य तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अधिक मजबूत होकर उभरे हैं। कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और अन्य दूसरे नेताओं की नजर में गहलोत का कद और बढ़ गया है। यहीं नहीं जादूगर के नाम से विख्यात गहलोत ने विरोधियों को अपना लोहा मनवा दिया। चुनाव से ठीक पहले तक भाजपा समर्थित उम्मीदवार सुभाष चन्द्रा ने दावा किया था कि कांग्रेस खेमे से आठ विधायक उसके पक्ष में मतदान करेंगे, लेकिन जादूगर ने अपनी जादुई कला से सभी 13 निर्दलीयों, बीटीपी के दो, सीपीआईएम के दो और आरएलडी का एक मत लेने के साथ ही उलटा भाजपा में क्रॉस वोटिंग तक करवा दी।
गहलोत ने चुनावों से पहले कई बार दावें किए थे कि उनके पास 126 मत है, जो अंत तक रहेंगे। कांग्रेस के समर्थित सभी विधायक ने तो बिकेंगे और नहीं झुकेंगे। राज्यसभा के इस चुनाव की कमान स्वयं अशोक गहलोत ने अपने हाथों में रखी थी। कुछ विधायकों की परेशानी को भी दूर किया। बाड़ाबंदी में भी अपने साथियों के बीच रहे और एक-एक विधायक से कई बार संपर्क भी किया। यहां तक कि मतदान के दौरान भी स्वयं गहलोत एक एजेंट के रूप में बैठे और एक-एक मत पर नजर भी रखी। राज्यसभा में प्रदेश की सभी दस सीटों पर भाजपा का कब्जा था, लेकिन अब गहलोत की चाणक्य नीति से तीन पर कांग्रेस का कब्जा हो गया। इस चुनाव अभियान में गहलोत ने न केवल बीमार विधायकों के घर या अस्पताल में मुलाकात की, बल्कि उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा और तो और जब गहलोत को पता लगा कि कांग्रेस के तीसरे प्रत्याशी प्रमोद कुमार तिवारी संकट में आ सकते है, तो उन्होंने अपने अनुभव और जादुई कला से भाजपा के वोटों में सेंध भी मारी और उसमें सफल भी हुए। भाजपा की विधायक शोभारानी का वोट कांग्रेस प्रत्याशी तिवारी के पक्ष में करवा लिया। यहीं नहीं इस चुनाव में कांग्रेस के तीसरे प्रत्याशी प्रमोद कुमार जीत कर पिछले दो साल में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीसरी बार हॉर्स ट्रेडिंग को मात दे दी। राजनैतिक हलको में इसे गहलोत की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
Comment List