मतदान प्रतिशत की बड़ी गिरावट परिणाम को करेगी प्रभावित
मतदान प्रतिशत में काफी कमी आई है
पहले चरण में ही मोदी लहर की हवा निकल गई। इसी वजह से जिन विधनसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक है, उनमें मतदान प्रतिशत काफी कमी आई है।
जयपुर। राजस्थान में करीब साढ़े छह फीसदी मतदान की बड़ी गिरावट को लेकर दोनों बड़े दलों भाजपा और कांग्रेस के साथ ही राजनीतिक विशेषज्ञों ने भी चिंतन-मंथन शुरू कर दिया है। इनका मानना है कि यह गिरावट चुनावी नतीजों को जरूर प्रभावित करेगी, लेकिन इसका खुलासा मतगणना के दिन चार जून को ही होगा। हालांकि दोनों दलों के बड़े नेता इस गिरावट को अपने-अपने पक्ष में मान रहे हैं। भाजपा के नेताओं का दावा है कि कांग्रेस समर्थकों ने पहले से ही दिख रही बुरी तरह हार के चलते उदासीन रहे हैं। उनमें उत्साह नहीं था। उन्होंने पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार कम दम लगाया है। इसी वजह से मुÞस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बहुत ही कम रहा है। उनका मानना है कि मतदान प्रतिशत यह कमी भाजपा और कांग्रेस के मतों के अंतराल को लंबा करेगी। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की माने तो प्रदेश में पहले चरण में ही मोदी लहर की हवा निकल गई। इसी वजह से जिन विधनसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक है, उनमें मतदान प्रतिशत में काफी कमी आई है।
तीन प्रमुख कारण हैं
राजनीतिक विशेषज्ञों ने मतदान प्रतिशत में कमी के तीन प्रमुख कारण बताए हैं। उनकी माने तो मतदाताओं को केंद्र सरकार से गत एक दशक में काफी निराशा हाथ लगी है, जिसका असर इस बार मतदान में दिखाई दिया। दूसरा बड़ा कारण भाजपा के समर्थकों में चार सौ पार के नारे से अति आत्मविश्वास हो गया। इसके चलते मतदान प्रक्रिया के प्रति उदासीनता रही। तीसरा सबसे बड़ा कारण शादियों का हाई सीजन भी माना जा रहा है। पहले चरण में मतदान में आई बड़ी गिरावट को लेकर दोनों बड़े दलों ने दूसरे चरण के लिए अभी से ही अपनी रणनीति को बदलने की बात करने लगे हैं।
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